बच्चों को बार बार पेशाब आना (bar bar peshab aana) समस्या होती है तो parents को भी मुश्केली का सामना करना पड़ता है।
बच्चे जब छोटे होते है तब वो बिस्तर गिला करते है यानि की छोटे बच्चों को बार-बार पेशाब आना ये बात कॉमन है पर बड़े बच्चे बार बार पेशाब करते है तो ये एक समस्या है।
अगर कुछ बच्चो को ज्यादा पानी नहीं पिने पर भी बार बार पेशाब आता है (bacho ko bar bar peshab aana) तो ये गंभीर विषय है। कई बच्चो में बार बार पोटी आने की समस्या भी हो जाती है।
नवजात शिशु में बार बार पेशाब आने की बात सामान्य है क्युकी तब बच्चे छोटे होते है उनका ब्लेडर इतना विकसित नहीं होता है और बच्चे बोल भी नहीं पाते की उनको पेशाब करना है इस लिए छोटे बच्चो को दिन में और रात में बार बार पेशाब आना आम बात है। उसी तरह 1 साल के बच्चे को बार-बार पेशाब आना सामान्य है.
आपका बच्चा छोटा है तो उसमे ये आम बात है पर अगर आपका बच्चा 2 साल से बड़ा है और बार बार पेशाब करता है यानि की 2 साल के बच्चे को बार-बार पेशाब आना, 3 साल के बच्चे को बार-बार पेशाब आना, 4 साल के बच्चे को बार-बार पेशाब आना, 7 साल के बच्चे को बार-बार पेशाब आना, 8 साल के बच्चे को बार-बार पेशाब आना जैसी समस्या है तो आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है
कई बार बच्चो को ये समस्या थोड़े समय में ठीक हो जाती है और कई बच्चो को बहुत लम्बे समय तक इस समस्या का सामना करना पड़ता है। तो चलिए सबसे पहले ये जानते है की पॉलाक्युरिया होता क्या है ? क्या है इनके लक्षण ? bar bar peshab ana के लक्षण ? और बच्चों को बार-बार पेशाब आने के कारण?
पॉलाक्युरिया के कारण और लक्षण | बेबी को बार-बार पेशाब आना
बच्चे को बार-बार पेशाब करना यानि की पॉलाक्युरिया का सटीक कारण तो डॉक्टर नहीं जानते हैं, लेकिन इसके कुछ संभावित कारण ये हो सकते है। जैसे की,
- शरीर में रासायनिक बदलाव होने से
- हाइपरकैल्शिरिया यानी मूत्र में कैल्शियम की मात्रा अधिक होने से
- भावनात्मक या सामाजिक तनाव से (हालांकि बच्चे की काउंसिलिंग या माता-पिता के सपोर्ट से इस परेशानी को खत्म किया जा सकता है)
- मूत्राशय के अधिक सक्रिय रहने की वजह से
- रात में अधिक पेशाब आना।
3 साल की उम्र के बाद बच्चे लगभग 8-10 बार पेशाब जाते है और उम्र बढ़ने के साथ साथ ये संख्या कम होती जाती है। और बच्चे 4-6 बार ही पेशाब करते है।
पॉलाक्युरिया में बच्चे को अचानक से ही पेशाब लगता है और उनसे control नहीं होता और वो पेंट गिला कर देते है। पॉलाक्युरिया में बच्चे को एक दिन में 30 से भी अधिक बार पेशाब जाना पड सकता है और हर बार थोड़ा थोड़ा पेशाब ही आता है।
बच्चों को बार बार पेशाब आना | बच्चों को बार-बार पेशाब आने के कारण
विशेषको का मानना है की बच्चे को बार-बार पेशाब आना (urine infection) उनके शारीरिक और मानसिक कारणो की वजह से भी होता है क्युकी कई बार बच्चो को स्कूल में, घर में कही पे डराना और डांटने की वजह से भी ऐसा हो सकता है।
या फिर बच्चा अगर ज्यादा मात्रा में कैफीन पदार्थो का सेवन करता है या मूत्राशय में सूजन, इन्फेक्शन, या पेशाब में अधिक मात्रा में कैल्शियम होता है तो भी बार बार पेशाब की समस्या होती है।
बार-बार पेशाब आने का एक कारण यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन या यूटीआई भी हो सकता है। बार बार पेशाब आना (बेबी को बार-बार पेशाब आना) और दर्द और जलन होना यूटीआई का लक्षण है इस लिए बच्चो के इस एरिया को बार बार साफ करे और खास करके लड़कीओ को इस बात का ज्यादा ध्यान रखना है क्युकी अच्छे से साफ नहीं रखने से यूटीआई का संक्रमण हो सकता है।
कोई कोई बच्चे टॉयलेट जाना कम पसंद करते है और जिसकी वजह से वो पेशाब भी कम जाते है और ब्लेडर पे प्रेशर आता है और प्रेशर को कम करने के लिए पेशाब को कंट्रोल करने वाली स्फिंक्टर मसल्स ओवर एक्टिव हो जाती है जिससे बार-बार पेशाब आता है।
बार बार पेशाब आना ज्यादातर हमारी लाइफस्टाइल पर भी निर्भर करता है क्युकी अगर कैफीनयुक्त चीजे खाने इस्तमाल होती है तो भी समस्या हो सकती है।
अगर छोटा बच्चा रात को सोने से पहले ज्यादा पानी पिता है तो भी उनको रात में बार बार पेशाब आने की समस्या हो सकती है।
बच्चे को बार-बार पेशाब आना के लक्षण | bar bar peshab aana
अगर बच्चा बार बार पेशाब कर रहा है तो उनको ये बीमारी है या नहीं ये जानिए इस लक्षणों से
- पेशाब करते समय दर्द और जलन होना
- बुखार आना और पेट दर्द होना
- पेशाब रंग बदल जाना
- यूरिन इन्फेक्शन होना
- अचानक वजन काम होना
- ज्यादा प्यास लगना
- बार बार यूटीआई इन्फेक्शन होना
बच्चे को बार-बार पेशाब आना घरेलू उपाय | bar bar peshab aana
बच्चे को अगर बहुत ज्यादा पेशाब आने की समस्या लगे तो ही आप डॉक्टर सकते हो वरना आप घरेलु उपचार करके भी को हल कर सकते हो।
- यूरिनरी इंफेक्शन में आपको बच्चे की साफ-सफाई का बहुत खयाल रखना चाहिए।
- लड़कियों को सिखाएं कि पेशाब करते समय कैसे उस पार्ट को hygiene रखे, जो पब्लिक टॉयलेट का उपयोग करते समय उन्हें यूटीआई होने से बचाने मदद कर सकता है।
- जेनिटल एरिया पर केमिकल और हार्ड साबुन का प्रयोग बिल्कुल न करें।
- बच्चे को सही तरीके से टॉयलेट के बाद सफाई का तरीका समझाना चाहिए और यह बहुत जरूरी है।
- कीगल एक्सरसाइज करने से मांसपेशियों में मजबूती आती है और बार-बार पेशाब लगने की समस्या में सुधार होने लगता है।
- मोटिवेशनल थेरेपी भी आपके बच्चे को सही टॉयलेट शेड्यूल बनाए रखने और उसका पालन करने के लिए प्रोत्साहित करने का एक अच्छा ऑप्शन है।
- बच्चे के अच्छे बर्ताव पर उसे शाबाशी दें जिससे बच्चे के इस शेड्यूल को आगे भी ध्यान में रखे।
- अपने बच्चे को हिम्मत और मोटीवेट करे की उनकी ये समस्या जल्दी ठीक हो जाएगी बजाये की आप उनपे गुस्सा करे। इस से बच्चे में confidence बढ़ेगा।
- बच्चे को सोने के समय पे कम पानी पिलाइये और सोने के समय washroom ले जाये और हो सके तो रात में भी बच्चे को एकबार उठाके washroom ले जाये ऐसी आदत धीरे धीरे बच्चे को बार बार पेशाब आना रोक सकती है और बच्चे को रात में बार-बार पेशाब आना कम हो जायेगा।
इस के अलावा कई सारे घरेलु उपचार से बच्चे में बार बार पेशाब आने की समस्या से छुटकारा मिल सकता है। और आपके लिए भी फायदेमंद साबित हो सकता है वो ये है की आप बच्चे का schedule बना दीजिये की कब और किस समय पे आपको उन्हें washroom के लिए ले जाना है या याद दिलाना है। इस से आपको पॉजिटिव रिजल्ट अवश्य मिलेंगे।
आप बच्चे के खाने में फाइबरयुक्त चीजे जैसे की दही, फ्रूट्स, ग्रीन वेजिटेबल्स, healthy food ऐसी चीजों को शामिल करिये और कैफीनयुक्त चीजे जैसे की कोफी, चॉकलेट्स, चाय इन सबको दूर कर दीजिये। क्युकी कैफीनयुक्त चीजे चीजे खाने से बच्चे को पेशाब के समय जलन और दर्द होगा।
कुल मिलाके बच्चो में बार बार पेशाब आना बच्चे और माता-पिता दोनों के लिए समस्या है। अगर आप ऊपर दीये गयी बातो का ध्यान रखते हो तो बच्चो को कई हद तक फायदा और रहत मिलेगी और जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता जायेगा वैसे वैसे बच्चे का कंट्रोल और मसल्स मजबूत होंगे और ये समस्या ठीक होती जाएगी।
तो ये थी पूरी जानकारी छोटे बच्चों को बार बार पेशाब आना (bar bar peshab aana) और उनके लक्षण और उपाय के बारे में उम्मीद है की आपको इस आर्टिकल से सही जानकारी मिली होगी।
Happy Parenting .