बच्चो की मालिश करने की विधि | क्या है बच्चो की मालिश करने का बेस्ट तरीका

नवजात शिशु की मालिश करने से बच्चे मजबूत तो बनते ही साथ में आपका प्यार और दुलार भी उनको मिलता है। 

हम इस article  में नवजात शिशु की मालिश, बच्चों की मालिश करने की विधि, और malish से जुडी सारी बातो को detail में जानेगे। 

बच्चा जब जन्म लेता है उनके कुछ ही दिनों में उनकी मालिश शुरू कर देनी चाहिए। क्युकी बच्चा ज्यादातर लेटा ही रहता है तो अगर उसकी पूरे शरीर की मालिश की जाये तो वो आराम और शुकुन महसूस करता है। 

बच्चो की की मालिश

नवजात शिशु की मालिश करने से कई सारे लाभ मिलते है और साथ ही आपका प्यार और दुलार भी उनको मिलता है। और जितना हो सके उतना शिशु की माँ को ही शिशु की मालिश करनी चाहिए , इस से माँ और शिशु के बिच में नजदीकियां आती है और उनका नया रिश्ता मजबूत बनता जाता है। 

नवजात शिशु की मालिश | मालिश करने की विधि

हमारे देश में सालो मालिश की परंपरा चली आ रही है आयुर्वेद के हिसाब से तो हर बच्चे की सही तरह से मालिश होनी है चाहिए क्युकी नवजात शिशु की मालिश से शिशु को बहुत सारे फायदे मिलते है।  

अभी के समय में हर parents ये जानते है की नवजात शिशु के लिए मालिश कितनी जरुरी है। पर हर कोई ये नहीं जानता की बच्चो की मालिश कब करनी चाहिए , कितने साल तक करनी चाहिए और मालिश करने की विधि क्या है। 

तो चलिए इन सब को विस्तार में जानते है।

नवजात शिशु की मालिश कब करनी चाहिए ?

जैसे की मेने आपको पहले बताया वैसे नवजात शिशु की मालिश शिशु के जन्म के कुछ हप्तो में शुरू कर सकते है। यानि की आप जन्म के 10-15 दिन में शुरू कर सकते है। 

नवजात शिशु की मालिश अगर माँ करती है तो बच्चे और माँ के शरीर में ऑक्सीटोसिन नाम का हॉर्मोन पैदा होता है जिस से माँ और बच्चे के बीच प्यार बनता है और उनका रिश्ता गाढ़ बनता है तो हो सके तो बच्चे की  माँ को ही बच्चे की मालिश करनी है। 

अगर आप एक working women तो ही आप मालिश वाली आया को रखे। 

नवजात शिशु की मालिश करने से शिशु की रोगप्रतिकारक शक्ति (immune system) बढ़ती है और शिशु के बीमार होने की संभावना कम हो जाती है।

नवजात शिशु की मालिश करने से उनको बहुत सारी समस्या से राहत मिलती है जैसे की पेट से जुडी समस्या, शिशु में कब्ज और गैस की समस्या भी दूर होती है। बच्चो की तेल से मालिश करने से उनकी हड्डिया और मासपेशियां भी मजबूत बनती है।

मालिश करने की विधि – बच्चों की मालिश करने की विधि

मालिश करने की विधि


नवजात शिशु की मालिश बहुत ही हलके हाथो से करनी चाहिए बच्चा जब तक छोटा यानि की 6 महीना का होता है तब तक आपको सावधानी से मालिश करनी चाहिए अगर आपको शुरु मे मालिश करना नहीं आता तो आप किसी की मदद ले सकते हो और बाद में धीरे धीरे आपको आदत हो जाएगी नवजात शिशु की मालिश करने की।   

1. सबसे पहले तो आप कोई भी मालिश का तेल ले रहे हो उनको शिशु की त्वचा के साथ अनुकूल करले ये चेक कर ले की उस तेल से बच्चे को कोई एलर्जी तो नहीं हो रही।   

2. घर में कोई एक शांत और खूबसूरत जगह ढूंढ ले जहा पर आपको और शिशु को कोई disturbance ना हो। इस से आपको और शिशु को बहुत मजा आएगा।   

3. अब आपके आसपास आपके हाथो को अच्छे से चेक कर ले कोई चुभने वाली चीजे तो नहीं है क्युकी इस से आपके शिशु को इजा (हानि) हो सकती है। मालिश करने से पहले आप अपने नाख़ून को काट लीजिये।  

4. अब बच्चे को एक मुलायम कपडे पर उनकी पीठ के बल लेटाएं और उनके सारे कपडे निकाल दे।    

5. अब आपने हाथो में तेल को लेकर अच्छे से फैला ले और बच्चे की आँखों में देख कर मालिश करना शुरू करे। आप चाहे तो अच्छा सा sweet सा music भी लगा सकती है।   

6. सबसे पहले शिशु के कान को हलके हाथो से मालिश करे इस से बच्चा मालिश के लिए तैयार होगा।   

7. अब शिशु के पैर से मालिश शुरू करे और पैर के बाद हाथ,कंधा,और बाद में छाती और पेट की मालिश करे। पेट की मालिश करते समय अपने हाथो को थोड़ा हल्का रखिये और ये ध्यान रखे की शिशु में ज्यादा स्तनपान (breast feed) या बोतल का दूध (formula milk) न किया हो क्युकी मालिश के समय ज्यादा फीड करने से शिशु उलटी भी कर सकता है।   

8. अब शिशु को पेट के बल सुला दीजिये और पीठ की मालिश करे।   

9. अब हलके हाथो से शिशु के चहेरे की और बाद में शिशु के सर की मालिश करे।   

10. बेबी मसाज एक बहुत ही आरामदायक थेरेपी है आपको बेबी मसाज अवश्य करनी चाहिए। अगर आपका बच्चा मालिश को enjoy नहीं करता है तो डरने की कोई बात नहीं है धीरे धीरे आपको और बच्चे को आदत हो जाएगी शुरू में थोड़ा समय uncomfortable लगता है।    

नवजात शिशु मालिश कितनी बार करनी चाहिए

वैसे अगर आप हररोज मालिश (massage) कर सकते तो अच्छा है पर अगर कोई parents के पास इतना समय नहीं होता है तो वो 2-3 दिन में 1 बार भी शिशु की मालिश कर सकते है।    ये बिलकुल आप पर आधारित है की आपके पास कितना समय है। हो सके तो आप बच्चे को सुबह और रात को मसाज दीजिये इस से बच्चे को नींद भी अच्छे से आएगी।     

नवजात शिशु की मालिश के लिए कौन सा समय सही है

  शिशु की मालिश सुबह उसके उठने के बाद कर सकते हो। हर एक के रिवाज अलग अलग होते है। कई घरो में बच्चे को मालिश करके नहलाते है तो कई घरो में नहलाने के बाद बच्चे की मालिश करते है।    सबसे ज्यादा आपको आपका बच्चा कब मालिश के लिए तैयार है वो देखना है और बच्चा जब तक 2 महीने का होता है तब तक आप इसे किसी भी समय मालिश कर सकते तो क्युकी तब तक बच्चा ज्यादातर सोता रहता है इस लिए आप बच्चे के mood के हिसाब से मालिश कर सकते है। बाद में जैसे जैसे बच्चा बड़ा होता है तब आपको मालिश का समय fix कर देना है क्युकी बच्चे को भी हररोज एक ही समय पर चीज़े होना अच्छा लगता है। अगर आप छोटे बच्चे को रात को सोने से पहले भी मालिश करते हो तो ये भी बहुत ही अच्छा समय है इस से बच्चे को अच्छे से नींद भी आएगी और बच्चा सुबह भी fresh रहेगा।     

नवजात शिशु की मालिश के लिए तेल

नवजात शिशु की मालिश के लिए तेल

नवजात शिशु की मालिश करने से उनकी हड्डिया मजबूत होती है और मालिश बच्चे को हेल्दी भी बनाती है साथ ही तेल से मालिश करने से बच्चे की त्वचा में नमी रहती और उनकी त्वचा मुलायम रहती है। इस लिए हम नवजात शिशु की मालिश करते है।    पर अब बात आती है की हम नवजात शिशु की मालिश किस तेल से करें क्युकी बाजार में तो बहुत सारी कंपनिया नवजात शिशु की मालिश के लिए तेल बनाती है पर आपको सबसे पहले ये जाँच कर लेनी है की आपके शिशु को कोनसा तेल माफक आ रहा है, क्युकी हर बच्चे की त्वचा अलग अलग होती है।    तो यहाँ पर मजबूत हड्डियों के लिए सबसे अच्छा बच्चा तेल की मालिश के लिए कुछ अच्छे तेल के नाम दिए गए है।   

1. नारियल का तेल : नारियल का तेल शिशु की मालिश के लिए सबसे उत्तम तेल माना जाता है, क्युकी इस तेल में एंटी-फंगल और एंटी-ऑक्सीडेंट तत्व होते है। जो बच्चे की त्वचा को मुलायम और healthy रखते है और ये तेल त्वचा को ठंडक भी प्रदान करता है।   

2. बादाम का तेल : बादाम का तेल भी नवजात शिशु की मालिश के लिए अच्छा माना जाता है। बादाम के तेल में विटामिन E भरपूर मात्रा में होता है जो बच्चे की त्वचा को पोषण देता और बच्चे को बादाम के तेल की मालिश से नींद भी अच्छी आती है।   

3. जैतून का तेल : जैतून का तेल भी नवजात शिशु की मालिश के लिए श्रेष्ठ विक्लप है ये भी शिशु की त्वचा के लिए फायदेमंद है अभी के समय में भारत के अलावा विदेशो में इस तेल का बच्चे की मालिश के लिए ज्यादा उपयोग किया जा रहा है।   

4. सरसों का तेल : सरसों का तेल तासीर में गरम होता है इस लिए ज्यादातर इन्हे ठंडी के मौसम में उपयोग में लिया जाता है अगर आप कोई भी मौसम में इसका उपयोग करना चाहते हो तो सरसों के तेल को किसी हलके तेल के साथ मिक्स करके शिशु की मालिश के लिए उपयोग में ले सकते हो।   

5. अरंडे (कैस्टर ऑइल) का तेल : कैस्टर ऑइल बहुत ही गाढ़ा और चिकना होता है तो आप बच्चे को नहलाने से पहले इस तेल से बच्चे की मालिश कर सकते हो इस से बच्चे की त्वचा में नमी बनी रहेगी। कैस्टर ऑइल को आप नारियल के तेल के साथ मिक्स करके नवजात शिशु की मालिश कर सकते हो।     

गर्मियों में बच्चों की मालिश किस तेल से करनी चाहिए

गर्मी की मौसम में बच्चो की मालिश आप नारियल के तेल से मालिश कर सकते हो क्युकी नारियल का तेल ठंडा होता है तो गर्मी के दिनों में नारियल का तेल बच्चे की त्वचा को ठंडक प्रदान करेगा।    अगर चाहो तो आप नारियल तेल में कैस्टर ऑइल भी मिक्स करके बच्चे की मालिश कर सकते हो ये दोनों तेल गर्मियों के मौसम में बच्चे की त्वचा में नमी प्रदान करेगा और बच्चे की त्वचा को protect भी करेगा। 

नवजात शिशु की मालिश के लाभ

1. स्वस्थ रखे  क्योंकि मालिश बच्चे के रक्त प्रवाह को उत्तेजित करती है, यह बच्चे को स्वस्थ रखने के लिए बहुत अच्छा है। फ्लू के मौसम में यह विशेष रूप से फायदेमंद हो सकता है। मसाज आपके शिशु की प्रतिरक्षा प्रणाली को बेहतर बनाता है।  

2. गैस से राहत कई स्ट्रोक ज्यादातर बच्चे के पेट के क्षेत्र पर आते हैं। ये स्ट्रोक पाचन को प्रोत्साहित करने, बच्चे के आंतों को स्थानांतरित करने और गैस से राहत में मदद करते हैं।  

3. वजन में सुधार अगर सही तेल से बच्चे की मालिश हो रही है तो इससे बच्चे के वजन में सुधार हो सकता है। दरअसल मालिश एक महत्वपूर्ण तंत्रिका को उत्तेजित करता है, जिसे वेगस तंत्रिका कहा जाता है, जो मस्तिष्क को पेट सहित शरीर के महत्वपूर्ण हिस्सों से जोड़ता है। इस तंत्रिका को उत्तेजित करने से पाचन और मल त्याग में सुधार हो सकता है, जिससे आपके बच्चे को वजन बढ़ाने में मदद मिलेगी।  

4. स्पर्श तंत्र मजबूत होता है  बच्चे की त्वचा पर मालिश करते समय थपथपाने से उनके स्पर्श तंत्र को उत्तेजित करने में मदद करता है। क्योंकि त्वचा हमारा सबसे बड़ा अंग है, हमारे मस्तिष्क में इसका बड़ा महत्व है। बच्चे की त्वचा को उत्तेजित करना उनके मस्तिष्क के एक बड़े हिस्से को उत्तेजित करने जैसा है, जिससे मस्तिष्क कोशिकाओं के बीच संबंध बनते हैं और बच्चे को स्पर्श की भावना को समझने में मदद मिलती है।  

5. रक्त परिभ्रमण में सुधार मालिश आपके बच्चे के शरीर में रक्त परिभ्रमण (बच्चो में खून की कमी को दूर) में सुधार करने में मदद करती है। कम उम्र में, हाथ और पैर की सीमा तक रक्त का प्रवाह आमतौर पर कम होता है, इसलिए जितना अधिक समय मां इन भागों की मालिश करने में लगाती है, उतना ही बेहतर रक्त प्रवाह बच्चों के शरीर में होता है। इससे बच्चों की वृद्धि में भी मदद मिलती है।   तो ये थी पूरी जानकारी नवजात शिशु की मालिश, मालिश करने की विधि, नवजात शिशु की मालिश के लिए तेल, बच्चों की मालिश करने का तरीका, सब के बारे में पूरी जानकारी। उम्मीद है की ये जानकारी आपके लिए मददरूप रही होगी। 

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