क्या आप जानना चाहती है की प्रेग्नेंट कैसे होते है? और प्रेग्नेंट कब होते है? तो आपको इस आर्टिकल में पूरी और सचोट जानकारी मिल जाएगी की, आखिरकर महिला प्रेग्नेंट कब और कैसे (pregnant kaise hote hai) होती है।
आखिरकार सबके मन में ये सवाल होता होगा की प्रेग्नेंट कैसे होते है ? या प्रेगनेंसी कैसे होती है। (बच्चे कैसे होते हैं) चाहे आप टीनऐज गर्ल हो, शादीशुदा हो या नयी नयी शादी हुई हो या आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही हो। क्युकी हर महिला के लिए बच्चे को जन्म देना बहुत सौभाग्य की बात होती है।
प्रेग्नेंट होने में यानि की प्रेगनेंसी ठहरने में कई सारे पहेलु होते है। यानि की गर्भवती होना इतना जटिल भी नहीं और इतना आसान भी नहीं होता है। अगर आप जल्दी गर्भधारण करना चाहते हो तो गर्भधारण के घरेलु उपाय भी कर सकते हो। अगर आप प्रेग्नेंट नहीं होना चाहते हो तो आप प्रेग्नेंट न होने के उपाय को आजमा सकते हो।
आपके मन में ये सवाल हो की महिला प्रेग्नेंट कैसे होती है या औरत प्रेग्नेंट कैसे होती है या प्रेग्नेंट कैसे होते है। तो आपको बता दे की गर्भ ठहरने की (प्रेग्नेंट) होने की प्रक्रिया सब औरतो के लिए एक जैसी ही होती है।
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प्रेग्नेंट कैसे होते है – pregnant kaise hote hai
प्रेग्नेंट होने में सबसे मुख्यरूप में ये बहुत जरुरी है।
1. पहला स्त्री के अंडेदानी (ओवरी) में एग (Egg) का बनना|
2. पुरुष के वीर्य (Sperm) में शुक्राणुओं की संख्या और शुक्राणुओं की गुणवत्ता |
3. फैलोपियन ट्यूब का खुला होना |
आइये इन्हे विस्तार से समझते है।
1. स्त्री के अंडेदानी (ओवरी) में एग (Egg) का बनना
हर लड़की और औरत में 13 से 45 उम्र की आयु तक हर महीने अंडेदानी (ovary) में 1 अंडा बनता है। यानि की महिला की पुरे जीवनकाल में हर ओवरी में लगभग 400 जितने अंडे बनते है। अगर महिला ओवरी में बनने वाला अंडे समय से और स्वस्थ बनते है तो, महिला को गर्भ यानि प्रेगनेंसी ठहरती है वरना नहीं।
पुरुष के शुक्राणु और महिला के अंडे के मिलन से ही गर्भ ठहरता है। लेकिन इसके लिए महिला के स्वस्थ अंडे के साथ साथ पुरुष के शुक्राणु भी स्वस्थ होने चाहिए। पुरुष के स्वस्थ शुक्राणुओं की संख्या कम से कम 40 milion/mililiter और गतिशीलता (motility) प्रति सेकंड कम से कम 25 माइक्रोमीटर होनी चाहिए |
3. फैलोपियन ट्यूब का खुला होना
फैलोपियन ट्यूब महिला के शरीर का अंग है और ये प्रजनन तंत्र की नलिका होती है। जिसमे हर महीने 1 अंडा ओवरी में से निकलके ठहरता है। और वहा पुरुष के शुक्राणु और महिला के अंडे का मिलन होता है और महिला प्रेग्नेंट होती है।
लेकिन इस के लिए फैलोपियन ट्यूब का खुला होना बहुत ही जरुरी होता है। क्युकी अगर फैलोपियन ट्यूब सिकुड गयी है तो शुक्राणु अंडे तक नहीं पहुंच पाते और इस वजह से महिला का गर्भ ठहर पाता है। यानि प्रेगनेंसी नहीं रहती है।
पर आज के आधुनिक समय में इस समस्या को कैथराइजेशन शल्य रहित प्रक्रिया से बंद फैलोपियन ट्यूब को कुछ समय में आसानी से खोला जा सकता है।
ऊपर बताये गए तीनो चीजे ठीक है तो अगर ovulation (ओवुलेशन) period में महिला और पुरुष संबंध बनाते है तो आसानी से प्रेग्नेंट हो सकते है (गर्भधारण की संभावना) क्युकी ये गर्भ धारण करने का सबसे अच्छा समय (pregnancy tips in Hindi) होता है।
अब जानते है की आखिर महिला प्रेग्नेंट कैसे होती है और प्रेग्नेंट होने की क्या स्टेजेस होते है।
यहाँ पर जो स्टेज दिए है वो एक के बाद एक होते है।
1. ovulation – ओवुलेशन
ovulation –ओवुलेशन मतलब ओवरी में से अंडे का बहार नीकलना और फॉलोपियन ट्यूब में आके रुकना। ओवुलेशन तब होता है जब महिला में अंडाशय अंडे को बहार निकालती है। ज्यादातर महिलाओ का मासिक धर्म चक्र (menstrual cycle) 28 दिनों का होता है।
2. Fertilization – फर्टिलाइजेशन
फर्टिलाइजेशन के लिए महिला के अंडाणु और पुरुष के शुक्राणु का मिलना बहुत ही जरुरी होता है। जब महिला का अंडाणु और पुरुष का शुक्राणु मिलते है उस प्रक्रिया को फर्टिलाइजेशन कहते है। ये प्रक्रिया महिला के ओवुलेशन के समय दरम्यान ही होती है अगर पुरुष का शुक्राणु ओवुलेशन के समय पर महिला के फ़ेलोपियन ट्यूब में मौजूद होता है तो वो महिला के अंडे के साथ मिलकर फलित (fertilize) हो जाता है।
महिला फर्टिलाइजेशन के बाद ही प्रेग्नेंट होती है। और हर महिला में ओवुलेशन का समय अलग अलग होता है। इस लिए जरुरी नहीं है की हर महिला का फर्टिलाइजेशन पीरियड के 14 दिन पहले ही हो। महिला का अंडा फ़ेलोपियन ट्यूब में 24 घंटे तक ही जीवित रहता है और पुरुष का शुक्राणु फ़ेलोपियन ट्यूब में 5 दिन तक जीवित रहता है अगर महिला का ओवुलेशन उस 5 दिन में होता है तो महिला प्रेग्नेंट हो सकती है।
3. Implantation – प्रत्यारोपण
जब अंडा फलित हो जाता है तो वो 3 से 4 दिन तक फ़ेलोपियन ट्यूब में ही रहता है लेकिन अंडे के फलित होने के 24 घंटे के बाद ही उनकी कोशिकाओं में विभाजन शुरू हो जाता है। और ये विभाजन फॉलोपियन ट्यूब से गर्भाशय में जाने तक धीरे धीरे होता ही रहता है। और उनका अगला काम गर्भाशय की दिवार (uterus wall) से जुड़ना होता है।
और जब फलित अंडा विभाजित हो कर गर्भाशय की दिवार से जुड़ता है उसे मेडिकल की भाषा में Implantation (प्रत्यारोपण) कहते है। यह गर्भाशय की दिवार पर तब तक जुड़ा रहेगा जब टक वो बच्चा पैदा करने के लिए तैयार नहीं हो जाता।
प्रेग्नेंट कब होते है – pregnant kab hote hai
प्रेग्नेंट होने के लिए ऊपर हमें जाना वो पहेलू तो जरुरी ही है पर अब हम जानेगे की आखिर प्रेग्नेंट कब होते है। यानि की पीरियड के बाद प्रेग्नेंट कब होते है। औरप्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए?
प्रेग्नेंटहोने के लिए निचे दी गई कोई भी स्थिति का होना बहुत जरुरी है।
1. जब महिला के अंडाशय से अंडा रिलीज़ होता है तब पुरुष का स्पर्म पहले से ही फॉलोपियन ट्यूब में मौजूद हो।
2. महिला के अंडाशय से रिलीज़ हुआ अंडा 24 घंटे तक जीवित रहता है अगर तब तक में पुरुष का स्पर्म (वीर्य) महिला के फॉलोपियन ट्यूब में मौजूद हो।
3. पुरुष का स्पर्म महिला के फॉलोपियन ट्यूब में 4 – 5 दिन तक रहता है अगर तब महिला का अंडा रिलीज़ हो।
ये 3 स्तिथि अगर होती है तो महिला उस महीने में प्रेग्नेंट हो सकती है। यानि की अगर आप सोच रहे हो की प्रेग्नेंट होने के लिए कब सम्बन्ध बनाना चाहिए? तो आपको बता दे की महिला को प्रेग्नेंट होंने के लिए उनके ओवुलेशन पीरियड में सम्बन्ध बनाने चाहिए।
ओवुलेशन यानि की महिला की ओवरी में से अंडा बहार निकलना। महिला का ओवुलेशन उनके पीरियड आने के 12 – 14 दिन पहले होता है। और उस दौरान अगर आप संबंध बनाते हो तो आपके प्रेगनेंसी रहने की ज्यादा संभावना रहती है।
कई सारी महिलाओ को ओवुलेशन यानि की अंडा अलग होने के समय कुछ संकेत (symptoms) दिखाई देते है जैसे की white dischargeहोना, पेडू में हल्का दर्द होना विगेरे। तो पता करना आसान होता है की ओवुलेशन कब है।
पर जिस महिला को पता नहीं चलता वो मार्किट में से ओवुलेशन किट (ovulation kit) मिलती है वो लेकर भी पता लगा सकते है।
conclusion
अगर आप ये जानना चाहते हो की पीरियड के बाद प्रेग्नेंट कब होते है तो पीरियड के पहले दिन से लेकर आपको दिन की गिनती करनी है। और पीरियड के 10 दिन से लेकर पीरियड के 16 दिनतक आपकी प्रेग्नेट होने की संभावना अधिक होती है। तो आप इस दौरान भी अपने प्रेगनेंसी प्लान कर सकते हो। और अगर आपको प्रेगनेंसी कंसीव हो गई है तो, आपको पीरियड मिस होने के बाद कुछ ही दिनों में प्रेग्नेंट होने के लक्षण यानि की प्रेगनेंसी के शुरूआती लक्षण भी दिखाई देने लगेंगे।
तो ये थी पूरी जानकारी की प्रेग्नेंट कैसे होते है (pregnant kaise hote hai) और प्रेग्नेंट कब होते है।
उम्मीद है कीआपको इस आर्टिकल से सारी जानकारी मिल गई होगी की आखिरकार प्रेग्नेंट कैसे होते है (pregnant kaise hote hai) या प्रेगनेंसी कैसे होती है और प्रेग्नेंट कब और किस तरह से होते है।
Happy Parenting .
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