Powder Milk – शिशु को फॉर्मूला मिल्क देने के फायदे और नुकशान

शिशु को जन्म देने के बाद मां की सबसे बड़ी जिम्मेदारी होती है अपने बच्चे स्तनपान (breastfeed) कराना। क्योंकि बच्चा मां की गोद में 9 महीने पला बड़ा होता है जिसके कारण बच्चे को इस दुनिया में आने के बाद मां ही उसकी जरूरत होती है। अगर मां अपने बच्चे को गोद में लेकर स्तनपान (breastfeed) करवाती है तो बच्चे को सलामती का अनुभव होता है और मां और बच्चे का रिश्ता और भी गहरा होता जाता है। पर कभी-कभी मां का दूध कम पड़ जाने से या फिर ब्रेस्टमिल्क नहीं आने से बच्चे को मिल्क पाउडर (दूध पाउडर) यानी कि फॉर्मूला मिल्क (formula milk) पिलाना पड़ता है।

स्तनपान से बच्चे को मां की गोद, माँ की हूफ और मां का प्यार तीनों को एक ही बार में पूरा किया जा सकता है पर अगर बच्चे को पाउडर मिल्क (फार्मूला मिल्क) देना पड़े तो आपके लिए यह जानना आवश्यक है की नवजात शिशु को मां का दूध की जगह पर पाउडर मिल्क (फार्मूला मिल्क – formula milk) दिया जाए तो उसका शिशु पर क्या असर होता है। इस लेख में आप जानेंगे की फार्मूला मिल्क क्या होता है, शिशु के लिए फार्मूला मिल्क कैसे बनाये, किस मात्रा में दे शिशु को पाउडर मिल्क और शिशु को फॉर्मूला मिल्क देने के फायदे और नुकसान क्या क्या है।

 

 

मिल्क पाउडर (फॉर्मूला मिल्क) क्या होता है

फॉर्मूला मिल्क (मिल्क पाउडर) breastfeed के श्रेष्ठ विकल्प के लिए चुना गया स्त्रोत है।आमतौर पर ब्रेस्ट मिल्क फार्मूला मिल्क को दिया जाता है। डिलीवरी के बाद सभी महिलाओं के स्तन में दूध नहीं बनता है जिसके कारण वह अपने नवजात शिशु को स्तनपान नहीं करवा सकती है वैसे मैं उसके पास श्रेष्ठ विकल्प होता है कि वह अपने शिशु को मिल्क पाउडर यानी कि फॉर्मूला मिल्क (formula milk) पिलाये। अगर आपका बच्चा 1 साल से छोटा है और आप उसको स्तनपान (breastfeed) नहीं करवा पा रही है तो आपको उसको सिर्फ फार्मूला मिल्क (पाउडर मिल्क) ही पिलाना है 1 साल से छोटे बच्चे को गाय का दूध कभी भी मत पिलाइये।
 
फॉर्मूला मिल्क (मिल्क पाउडर) लिकविड मिल्क को वेपराइज़ करके बनाया जाता है। मिल्क को बिल्कुल ड्राई करके उसका सॉलिड फॉर्म बना दिया जाता है इससे जो पाउडर मिलता है उसको पाउडर मिल्क (फॉर्मूला मिल्क) कहते हैं। फॉर्मूला मिल्क से बच्चे को जरूरी पोषक तत्व और न्यूट्रिशन मिल जाते हैं।
 
यदि आप सोच रहे होंगे की मार्किट में बेस्ट बेबी मिल्क पाउडर (मिल्क पाउडर) कोन कोन से आते है तो आपको उनके नाम निचे दिए गए है। 
 
नैन प्रो स्टेज 1,
एनफैमिल ए + स्टेज 1,
नेस्ले लैक्टोजन 1,
अमूल स्प्रे मिल्क पाउडर फॉर बेबी,
लैक्टोजेन मिल्क पाउडर 1,
similac powder,

शिशु के लिए फॉर्मूला मिल्क (formula milk) कैसे बनाये

अगर आप अपने बच्चे के लिए फॉर्मूला मिल्क तैयार करना चाहते हो तो आप जो भी फॉर्मूला मिल्क पाउडर खरीदते हो उसके पैक के पीछे फॉर्मूला मिल्क बनाने की पद्धति दी जाती है। आपके शिशु की उम्र के हिसाब से आपको मिल्क पाउडर लेकर फॉर्मूला मिल्क को तैयार करना होता है। 
 
इसके अलावा आपको यहां पर फॉर्मूला मिल्क बनाने की पद्धति बताई गई है जिसका आप अनुकरण कर सकते हो।
 
1. सबसे पहले आपको अपने नवजात शिशु की सुरक्षा का ख्याल रखना होगा इसके लिए आपको फॉर्मूला मिल्क तैयार करने से पहले अपने हाथों को अच्छे से wash करना है या फिर sanitize करना है। 
 
2. फॉर्मूला मिल्क की बोतल तैयार करने से पहले आपको बोतल और निप्पल को गर्म पानी से धो लेना है जिससे बच्चे को कोई इंफेक्शन का खतरा ना रहे। 
 
3. फार्मूला मिल्क बनाने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी को उबाल के गर्म करें। आप एक बार में ज्यादा पानी उबाल के Thermosteel water bottle में भर के रख सकती है जिस से बाद में जब फार्मूला मिल्क बनाना हो तो बार बार पानी को गर्म ना करना पड़े।
 
4. अब उबले हुए पानी को room temperature पे आने तक का इंतज़ार करे। 
 
5. अब प्रत्येक 30 ml पानी में 1 scoop मिल्क पाउडर मिलाकर अपने शिशु की need के अनुसार फार्मूला मिल्क तैयार करे। 
 
6. अब आपका फार्मूला मिल्क तैयार है अपने शिशु को पिलाने के लिए इसके लिए आपक कोई बाउल में लेकर चम्मच से पीला सकते हो या फिर बोतल से दूध पीला सकते हो। 
 
उम्र के हिसाब से इतना से पाउडर मिल्क

किस उम्र के लिए कितना फार्मूला फीड जरूरी है

 
शिशु का फीड करना बिलकुल उनके ऊपर आधार रखता है की वो एक बार में कितना फीड करना चाहता है यानि की उनकी भूख कितनी है। पर यहाँ पर आपको एक अंदाजित मापन बताया गया है। 

शिशु की उम्र और मात्रा (every feed)

 
0 से 2 महीने तक – 100 मिलीलीटर तक 
2 से 4 महीने तक – 100 से 150 मिलीलीटर तक
4 से 6 महीने तक – 150 से 180 मिलीलीटर तक
6 महीने से 1 साल तक – 200 मिलीलीटर तक

शिशु को फॉर्मूला मिल्क देने के फायदे

 
अगर आप अपने शिशु को पाउडर मिल्क दे रहे हैं तो उनके फायदे भी है।
 
1. पाउडर मिल्क में आयरन, कैल्शियम और विटामिन्स होते है जो बच्चो को एनिमिया के खतरे से बचाने में मदद करते है।
 
2. कई बार महिलाओ को स्तनपान कराते समय स्तन में और निप्पल में दर्द होता है तब बच्चे को जल्दी से बनाकर फार्मूला मिल्क पीला सकते हो।
 
3. बच्चा जब भी भूखा हो तो कोई भी उसको दूध बनाके पीला सकता है। इस से घर के बाकि सदस्य भी बच्चे के नजदीक आते है।
 
4. पाउडर मिल्क (फार्मूला मिल्क) पिलाने के लिए हर वक्त माँ की जरूरत नहीं पडती है। अगर आप वर्किंग वुमन है तो आपके लिए बच्चे को फार्मूला मिल्क पीलाना आसान रहता है और आप अपने वर्क पर भी जा सकते हो पर अगर आप ब्रेस्टफीड करवाते हो तो आप अपने वर्क पर नहीं जा सकती।
 
5. अगर आप कभी भी बाहर हो और बच्चे को भूख लगे तो आप कहीं भी उसको फॉर्मूला मिल्क बनाकर पिला सकते हो।
 
6. अक्सर स्तनपान कराने वाली महिलाओं को अपनी डाइट का बहुत ही खयाल रखना पड़ता है क्योंकि मां के खानपान से ही उसका दूध बनता है और अगर बच्चा स्तनपान करता है तो माँ के कुछ भी खाने से कब्जबच्चे को पेट दर्द, बार बार पोटी की समस्या हो सकती है। पर अगर बच्चा फार्मूला मिल्क पी रहा है तो माँ जो चाहे वो खा सकती है।
 
7. अगर बच्चा फार्मूला मिल्क (पाउडर मिल्क) पीता है तो माँ को भी आराम मिलता है क्युकी उसको बार बार बच्चे स्तनपान कराने के लिए बैठना नहीं पड़ता है।
 

शिशु को फॉर्मूला मिल्क देने के नुकसान

 
शिशु को फार्मूला मिल्क (पाउडर मिल्क) देने के फायदों के साथ साथ कुछ नुकसान भी होते है।
 
1. माँ का दूध फ्री में मिलता है बल्कि फार्मूला मिल्क पाउडर बहुत ही महंगा आता है और उसके साथ साथ बोतल, निप्पल, स्टेरिलायजर का खर्चा अलग।
 
2. पाउडर मिल्क में बोतल और निप्पल को बार बार गर्म पानी में धोना (sterilize करना) पड़ता है जिस में ज्यादा समय और सावधानी लगती है। 
 
3. पाउडर मिल्क (फार्मूला मिल्क) तैयार करने में समय लगता है क्युकी इसके लिए आपको बार बार पानी को भी गर्म करना पड़ता है। जबकि ब्रेस्टमिल्क आराम से मील जाता है और माँ के दूध में बच्चे की शारीरक और मानसिक ग्रोथ के लिए जरूरी पोषकतत्व मिल जाते है जिस से बच्चे हेल्दी रहते है। जो पाउडर मिल्क (फार्मूला मिल्क) में इतने नहीं मिल पाते। 
 
4. अगर पाचन की बात करे तो माँ का दूध आसानी से पच जाता है जबकि फार्मूला मिल्क को पचने में ज्यादा समय लगता है जिस से बच्चे को कब्ज, पेट की समस्या, गैस की समस्या जैसी तकलीफे हो सकती है।
 
5. जब बच्चा फार्मूला मिल्क (पाउडर मिल्क) पीता है तो आपको आधी रात को भी बार बार उठके बच्चे के लिए पाउडर मिल्क तैयार करना पड़ता है जिस से आप अपनी नींद पूरी नहीं कर पाते।
 
6. फार्मूला मिल्क बचने के बाद उसको 1 घंटे के बाद दुबारा इस्तेमाल नहीं करे सकते जिसकी वजह से उनको फेक देना पड़ता है और आपके पैसे बिगड़ते है।
 

बच्चों को कौन सा दूध पिलाना चाहिए

अगर आपका बच्चा 1 साल से कम उम्र का है तो आप उसे ब्रेस्टफीड या फॉर्मूला मिल्क पिला सकते हैं और यदि आपका बच्चा 1 साल से अधिक उम्र का है तो आप उसे ब्रेस्ट फीड और फॉर्मूला मिल्क के साथ-साथ गाय का दूध भी पिला सकते हो क्योंकि 1 साल के बाद बच्चे की पाचन शक्ति मजबूत हो चुकी होती है जिससे बच्चा गाय के दूध को आसानी से पचा सकता है। 
 
तो यह थी पूरी जानकारी की फार्मूला मिल्क (पाउडर मिल्क) क्या होता है। और शिशु के लिए फार्मूला मिल्क के फायदे और नुकशान क्या है के बारे में। 
 
उम्मीद है की आपको इस लेख से फार्मूला मिल्क (पाउडर मिल्क) क्या है इसे कैसे बनाते है और कितनी मात्रा में बच्चो को पिलाते है के बारे में सही जानकारी मिली होगी। 
 
Happy Parenting .    
 
यह पढ़े : 
 
 
 
 

Leave a Comment

Ads Blocker Image Powered by Code Help Pro

Ads Blocker Detected!!!

We have detected that you are using extensions to block ads. Please support us by disabling these ads blocker.