शिशु जब जन्म लेता है तो माता-पिता को सबसे ज्यादा ख़ुशी होती है और इन्ही के साथ उनको यह बात भी चिंतित करती है की वो अपने नन्ही सी जान की देखभाल कैसे करे यानि की उनके नवजात शिशु को इंफेक्शन से कैसे बचाएं?
CDC (सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन) के मत अनुसार हर साल विश्वभर में लगभग 30 लाख नवजात शिशुओं की मौत का कारण संक्रमण भी होता है। क्युकी सबसे ज्यादा नवजात शिशु को संक्रमण (infection) हो सकता है। शिशु के आसपास के वातावरण में मौजूद कई सारे बेक्टेरिया ऐसे होते है जिनसे नवजात शिशु ज्यादा बीमार होते है।
जो बच्चे प्रीमेच्योर (समय से पहले) जन्मे होते है उनको सबसे ज्यादा इन्फेक्शन होने का खतरा रहता है। नवजात शिशु में इन्फेक्शन होने का कारण ज्यादातर रहते लोग और वातावरण जिम्मेदार होता है। अभी तो 2 साल से कोरोना वायरस का कहर भी बहुत ही है। भले ही अब लोकडाउन खुल गया है पर अभी भी कोरोना का खतरा है ही। इस लिए बच्चो को कोरोना से और खास करके नवजात शिशु को कोरोना के संक्रमण से बचाना अति आवश्यक है।
नवजात शिशु में होने वाले इन्फेक्शन को कुछ हद तक रोका जा सकता है अगर parents इस आर्टिकल में दी गई छोटी छोटी बातों का ध्यान रखे तो।
नवजात शिशु को होने वाले संक्रमण से बचाने के लिए सबसे पहले पेरेंट्स को नवजात शिशु में संक्रमण के लक्षण को पहचानना पड़ेगा की उनको इन्फेक्शन हुआ है की नहीं।
नवजात शिशु में संक्रमण (इन्फेक्शन) के लक्षण
- बच्चे का एकदम से दूध ना पीना
- शरीर का तापमान बढ़ना या कम होना
- बच्चे का ज्यादा रोना
- बच्चे का चिड़चिड़ा होना
- अधिक नींद आना या बिलकुल नींद ना करना
- बच्चे का शिथिल पड़ना
- बच्चे को उलटी,दस्त या पेट फूलना
- बच्चे जा शरीर फूल जाना
- शिशु को शर्दी-जुकाम होना
अगर आपको अपने शिशु में इस तरह के कोई भी लक्षण दिख रहे है तो हो सकता है की उनको संक्रमण हुआ हो। और कई बार संक्रमण जानलेवा भी हो सकता है। इसलिए आप तुरंत ही शिशु को बाल रोग निष्णांत (pediatrician) से जाँच करवाइये।
नवजात शिशु को संक्रमण (इन्फेक्शन) से कैसे बचाने के लिए टिप्स
नवजात शिशु को संक्रमण से बचाने के लिए पेरेंट्स को बहुत ध्यान और सावधानी रखनी पड़ती है। आपको यहाँ पर कुछ नवजात शिशु को संक्रमण (इन्फेक्शन) से कैसे बचाने के लिए टिप्स बताये गए है जिनका ध्यान अगर आप रखते हो तो आपका नवजात शिशु (बच्चा) संक्रमण से दूर रहेगा।
1. नवजात शिशु को स्तनपान कराना
ब्रेस्टमिल्क (breastmilk) में एंटीबॉडी, ऐंजाइम जैसे कई तत्व पाए जाते है जो शिशु की रोगप्रतिकारक शक्ति को बढ़ाते है। इस लिए स्तनपान करते बच्चो में फार्मूला मिल्क या गाय का दूध बच्चो की तुलना में संक्रमण और बीमार होने का खतरा कम होता है। स्तनपान करते बच्चो में दस्त, पेट दर्द, कब्ज, उलटी, यूरिन इन्फेक्शन जैसी बीमारी कम होती है।
2. कमरे का तापमान संतुलित रखे
नवजात शिशु जिस कमरे में है उस कमरे का तापमान सामान्य रखे मतलब की न ज्यादा ठंडा और न ज्यादा गर्म। AC चलाने की बजाये पंखा या कूलर का इस्तमाल करे जिस से बच्चे को ज्यादा ठंडी ना लगे वरना बच्चे को सर्दी-जुकाम हो सकता है। आप हमेशा नवजात शिशु को फुल कपडे पहनाएँ जिस से वो कम बीमार हो।
3. हाथो सफाई जरुरी
आप नवजात शिशु को पकड़ने या छूने से पहले अपने हाथो को अवश्य धोले या sanitize कर ले। क्युकी जन्म में तुरंत बाद 72 घंटे तक नवजात शिशु को ज्यादा इन्फेक्शन लगता है। आपके घर के कोई भी सदस्य बच्चे को छूना चाहे तो उनको हाथ धोने के लिए कहे बाद में ही बच्चे को छूने दे। अगर आप नवजात शिशु की देखभाल के लिए आया रखती है तो उनको भी हाथो की सफाई के बारे में बता दे और ध्यान रहे की उनके नाख़ून भी कटे हो जिनसे शिशु को कोई संक्रमण ना हो।
4. डिस्पोजेबल टिश्यू या वेट वाइप्स (wet wipes) का उपयोग करे
शिशु को साफ करने के लिए डिस्पोजेबल टिश्यू या वेट वाइप्स का इस्तमाल करे और जब भी आप डिस्पोजेबल टिश्यू या वेट वाइप्स से नवजात शिशु का कोई भी body parts की सफाई करे तो तुरंत ही उसको फेक दे दूसरी बार उपयोग में ना ले क्युकी उसमे बेक्टरीया का खतरा रहता है। जिनसे बच्चे को संक्रमण हो सकता है।
5. बच्चे को kiss ना करे
अक्सर घर के लोग या सगे संबंधी न्यू बोर्न बेबी को चूमने (किस करने) लग जाते है। पर ऐसा करना बिलकुल भी उचित नहीं है क्युकी इस से बच्चे को संक्रमण (infection) हो सकता है। इस लिए आप या घर के कोई भी व्यक्ति बच्चे को किस नहीं करेंगे। आजकल कोरोना के कहर से शिशु को इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। आपके घर में आने वाले बाहर की व्यक्ति आपके शिशु को गोद में न उठाएं, न ही हग (hug) करें। क्योंकि बाहर से आने वाला व्यक्ति एसिमप्टोमैटिक मरीज हो सकता है, जिसमें बीमारी के कोई लक्षण नहीं नजर आते मगर वो संक्रमण फैला सकते हैं। इस लिए सावधान रहिये।
6. शिशु के डायपर रेगुलर चेक करे बदले
नवजात शिशु बार बार पेशाब और बार बार पॉटी करता रहता है। इस लिए उनके डायपर को थोड़ी थोड़ी देर में चेक करे और अगर जरूरत पड़े तो उन्हें बदल दे क्युकी गंदे डायपर की वजह से नवजार शिशु को रेशिश और संक्रमण हो सकता है।
7. शिशु को 6 महीने तक स्तनपान करवाइये
शिशु को स्तनपान करवाना भी शिशु को सुरक्षित रखने में बहुत भूमिका निभाता है। शिशु के जन्म के समय पे जो गाढ़ा पीला और चिकना सुष निकलता है उनको शिशु को अवश्य पिलाये इनसे immune system मजबूत होती है। और इसके बाद भी शिशु को कम से कम 6 मास की उम्र तक स्तनपान अवश्य करवाना चाहिए जिनसे बच्चे में संक्रमण कम हो।
8. शिशु के आसपास की जगह की सफाई रखे
बच्चो के खिलौने और कमरे की सफाई का ध्यान रखे क्युकी अगर शिशु के आसपास गंदगी होगी तो शिशु संक्रमण से बीमार हो सकता है। सफाई के लिए आप disinfectant floor cleaner का इस्तमाल कर सकते हो जो बेबी फ्रेंडली हो।
9. शिशु को अस्वस्थ लोगो से रखे दूर
जिस लोगो में सर्दी-जुकाम के लक्षण हो उन लोगो से अपने नवजात शिशु को दूर रखे और नवजात शिशु को इन्फेक्शन से बचाये।
10. शिशु का टीकाकरण अवश्य करवाइये
अपने शिशु को मेनिन्जाइटिस (Meningitis), पोलियो (Polio) जैसे संक्रमीत रोगों से बचाने के लिए नियमित रूप से वैक्सिनेशन (टीकाकरण) करवाएं। इसी के साथ शिशु को न्यूमोनिया का टीकाकरण भी अवश्य करवाइये और घर के सदस्यों का भी जरूरी टीकाकरण हुआ हो वो देख ले। जिनसे बच्चे को कोई खतरा ना हो।
नवजात शिशु में संक्रमण से बचाने के लिए गर्भवती महिला क्या करें?
अगर माँ अपने शिशु को को उनके जन्म के बाद संक्रमण से बचाना चाहती है यानि हेल्दी रखना चाहती है तो उन्हें प्रेगनेंसी के दौरान कुछ बातो का ध्यान रखना होगा।
- माँ को अपनी गर्भावस्था के दौरान स्वस्थ और हेल्दी आहार लेना चाहिए।
- माँ को अपनी प्रेगनेंसी के दौरान जरुरी आराम करना चाहिए जिनसे शिशु का विकास अच्छे से हो।
- गर्भवती महिला को अपनी प्रेगनेंसी के दौरान जरुरी राशि लेनी है जिनसे बच्चे की health पर कोई भी प्रभाव ना हो।
- प्रेगनेंसी के दौरान महिला को डॉक्टर के द्वारा दी गयी दवाइये और जरूरी instructions को follow करना है। इसमें कोई भी लापरवाही ना करे ये आपको और आने वाले शिशु के लिए जोखम भरा हो सकता है।
- प्रेगनेंसी के दौरान महिला अपने vaginal part को साफ रखे और प्रेगनेंसी के आखरी 3 महिने में सेक्स से परहेज रखे। अगर कोई इन्फेक्शन लग रहा है तो तुरंत ही डॉक्टर से जाँच करवाये।
संक्रमण (इंफेक्शन) नवजात शिशु के लिए कई बार घातक साबित हो सकता है इस लिए parents और pregnant women (गर्भवती महिला) ऊपर दी गयी टिप्स को अपनाकर अपने नवजात शिशु को संक्रमण (इंफेक्शन) से बचा सकते है।
उम्मीद है की आपको नवजात शिशु को संक्रमण (इंफेक्शन) से कैसे बचाएं? का हल इस आर्टिकल से मिल गया होगा।
Happy Parenting .
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