Premenstrual-syndrome – महिलाओ में पीरियड से जुड़े सवाल और समस्या होती ही रहती है। और महिलाओ को उनके पीरियड शुरु होने के 5 दिन पहले कुछ लक्षण यानि की पीरियड आने के लक्षण दिखाई देने लगते है। पर बहुत सी महिलाओ को पीरियड शुरू होने के 8-10 दिन पहले ही प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (pms) दिखने लगते है।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (pms) एक शारीरक,मानसिक और भावनात्मक बदलाव है जो 80% महिलाओ में पीरियड शुरू होने से पहले होता है। प्रागार्तव का कोई खास समय नहीं होता है। यह महिला के ओवुलेशन से लेकर महिला के menstrual cycle तक कभी भी दिख सकता है। ज्यादातर केस में यह लक्षण महिला में नहीं के बराबर बदलाव लाते है पर गंभीर मामलो में यह समस्या बढ़ भी सकती है। जिसे प्रीमेंस्ट्रुअल डिस्ट्रोफिक डिसऑर्डर (पीएमडीडी) कहा जाता है। इसमें महिलाओ को खुद को manage करना मुश्किल हो जाता है। इस लिए हर महिला को यह जानना जरूरी हो जाता है की प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (pms) क्या है, प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (pms) के लक्षण क्या है और क्या है उनके उपचार।
तो अगर आपको भी पीरियड शुरू होने से पहले कुछ शरीरिक और मानसिक समस्या और बदलाव लग रहा है और आप जानना चाहती है की कही आपको प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम तो नहीं है। तो आपको प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पूर्व सिंड्रोम) के कुछ लक्षण दिए गए है जिनसे आप पता लगा सकते हो।
pms full form
pms full form is Premenstrual-syndrome (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम यानि की प्रागार्तव)
PMS meaning in Hindi – प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम इन हिंदी
PMS मतलब Premenstrual-syndrome यानि की प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम यानि की प्रागार्तव।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का मतलब की महिलाओ के हर महीने उनके पीरियड शुरु होने से पहले उनमे कुछ लक्षण दीखते है जिनसे उनमे शारीरिक, मानसिक, और भावनात्मक बदलाव आते है जिनसे महिलाओ को कुछ परेशानिया होती है। और यह परेशानिया उनका मासिकधर्म (रक्तस्त्राव) पूरा होने के साथ साथ खत्म हो जाती है।
क्या है प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (pms) का कारण – (PMS Causes)
हर महीने महिलाओ में पीरियड आने पर पीएमएस के लक्षण दीखते है। पर इसका सचोट कारण अभी तक मिल नहीं पाया है। ऐसा कहा जाता है की पीएमएस (प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम) का कारण महीलाओ का होर्मोनल असंतुलन होता है। अधिकतर महिलाओ में बच्चे को जन्म देना, प्रेगनेंसी, गर्भपात होने से उनका हार्मोनल बैलेंस असंतुलित हो जाता है जो प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का कारण माना जाता है। इसके अलावा भी महिलाओ में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम का कारण निचे दिए गये वजह भी हो सकती है।
1. stress – तनाव
2. unhealthy lifestyle – अनहेल्दी जीवन
3. depression – डिप्रेशन
4. आनुवंशिक बीमारी
5. alcohol – smoking
6. पोस्टपार्टम डिप्रेशन
7. कॉन्ट्रसेप्टिव पिल्स का उपयोग
इन सभी वजह के कारण भी ज्यादातर महिलाओ में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (pms) की समस्या ज्यादा होती है।
प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस) के लक्षण
आमतोर पर महिलाओ में पीरियड आने से पहले कुछ बदलाव और लक्षण दिखाई देते है जिनको हम प्रागार्तव यानि की प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम कहते है। जिनसे 80% महिलाये प्रभावित होती है और ये खास नुकशानदायक नहीं होते है। पर 35% महिलाओ को प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम की समस्या गंभीर होती है और उनसे महिला का शारीरिक और मानसिक संतुलन बिगड़ जाता है। तो जानिए आखिर महिलाओ में प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (पीएमएस)
के लक्षण कोनसे दीखते है।
1. निराशा की भावना
2. चिंता (stress) या टेंशन रहना
3. भावनाओ का कम और ज्यादा होना – भावनात्मक हो जाना
4. चिड़चिड़ापन होना
5. रोज के कामो में मन ना लगना
6. कोई भी काम में लक्ष्य केंद्रित ना होना – concentration नहीं कर पाना
7. शरीर में कमजोरी लगना – ताकत की कमी होना
8. बहुत ज्यादा भूख लगना या बिलकुल भी भूख ना लगना
9. बहुत ज्यादा नींद आना या बिलकुल नींद ना आना
10. सब कुछ बहुत ज्यादा हो रहा है ऐसा महसूस होना
11. शारीरिक लक्षण
- सिर दर्द होना
- पीठ और कमर दर्द होना
- पेट और पेडू में दर्द होना
- ब्रेस्ट दर्द होना
- खील-मुहासे होना
- क्रेविंग्स
- कब्ज और दस्त
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पीएमएस का उपचार
पीएमएस के लक्षणों में जब महिलाओ में बार बार मूड बदलके, स्ट्रेस लेते लेते आत्महत्या का विचार आते रहते है ऐसे में महिलाये निचे दिए गए पीएमएस का उपचार कर सकती है।
1. psychotherapist के पास जाये – मनोचिकित्सक का सहारा ले
2. cognitive behavioral therapy – संज्ञानात्मक व्यवहारपरक चिकित्सा
3. anti-anxiety drugs – चिंता विकार की दवा
4. antidepressant medication – एन्टीडिप्रेसन दवाइया
5. hormonal treatment – हार्मोनल ट्रीटमेंट
6. medicines – दवाइये
ऊपर दिए गए 6 उपचार को आप डॉकटर्स के पास जाकर उपचार कर सकते हो। इसके अलावा आप घर पे भी पीएमएस का उपचार कर सकती है।
7. स्वस्थ आहार अपनाइये
अपनई डाइट में कैल्शियम युक्त भोजन, प्रोटीन, डेरी प्रोडक्ट्स, हरी सब्जिया को अपनी डाइट में शामिल करे।
8. हररोज योग और व्यायाम करे।
9. कैफीन युक्त चीजे, चॉकोलेट, शराब, नमक कम खाइये।
10. प्रयाप्त मात्रा में नींद ले (कम से कम 8 घंटे)
11. विटामिन डी, विटामिन बी-6, फॉलिक एसिड, कैल्शियम और मैग्नेशियम का सेवन करें।
12. हररोज थोड़ा वॉकिंग करे।
तो यह थी जानकारी क्या है प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (pms), प्रीमेंस्ट्रुअल सिंड्रोम (pms) के लक्षण, कारण और उनके उपचार के बारे में उम्मीद है की आपकोइस आर्टिकल से सही जानकारी मिली होगी।
Happy Parenting .
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