पीरियड (मासिक धर्म) क्या होता है पूरी जानकरी | period meaning in hindi

Period यानि मासिकधर्म लड़कीओ और महिलाओ में होने वाली कुदरती प्रक्रिया है। मासिकधर्म जिन्हे अंग्रेजी में पीरियड्स कहा जाता है। इस आर्टिकल में आपको पीरियड्स क्या होता है (period meaning in hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल जाएगी। 

Period का शुरू होना मतलब की लड़की का शरीर गर्भधारण करने के पहले पड़ाव में पहुंच चूका है। Period के बारे में हर लड़की और महिला को जानना बहुत आवश्यक होता है की आखिर पीरियड्स क्या होता है (period meaning in hindi) क्युकी आजकल की generation से मातापिता खुलकर बात नहीं कर पाते की periods क्या होता है, कैसे होता है, कैसे आता है के बारे में। और इस लिए कई सारी लड़किओ के शरीर में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलाव को वो किसी को बता नहीं सकती है तो उनके लिए ये जानना बहुत जरूरी हो जाता है।

पीरियड्स (मासिक धर्म) क्या होता है – period meaning in hindi

महावारी होना यानि की लड़की की युवावस्था शुरू होना। युवावस्था शुरू होते है लड़कीओ और लड़को के शरीर में बदलाव होने लगता है। इस दौरान बच्चो के शरीर में बाल आने लग जाते है और बच्चो के शरीर में जननांग (reproductive system) का विकास शुरू हो जाता है। लड़को के शरीर में स्पर्म बनना शुरू हो जाते है और लड़कीओ को periods आना शुरू हो जाता है जिस से वह प्रेग्नेंट होने के लिए तैयार होती है और महावरी के दौरान उसको ब्लीडिंग होती है। किसी भी लड़की के लिए यह वह समय होता है जब उनका शरीर ओवरी के द्वारा पैदा किये गए hormones से बदल रहा होता है।

आम तोर पर महावरी 10-15 साल की उम्र तक शुरू हो जाता है। उस वक्त लड़कीओ का स्तन का विकास, जननांगो में बाल आना और vaginal area में गंध के साथ चिकना प्रवाही निकलना शुरू होता है। ये सब hormones  बदलाव के कारण होता है।

पीरियड क्यों होता है – मासिकधर्म क्यों होता है

मासिकधर्म (menstruation meaning in hindi) मुख्यत्व प्रेगनेंसी कंसीव करने के लिए यानि की गर्भधारण करने के लिए ही होता है। लड़कीओ में मासिकधर्म शुरू  है की उनके अंडाशय विकसित हो जाना। यानि की उनके अंडाशय अब अंडे बनाने के काबिल हो गए है।

पीरियड कैसे आता है – मासिक धर्म कैसे आता है

जब कोई लड़की mature हो जाती है यानि की युवावस्था में पहुंच जाती है तब उनका शरीर pregnant होने के लिए तैयार हो जाता है। पीरियड्स यानि की मासिकचक्र शुरू होने के बाद महिला के शरीर में दोनों अंडाशय में से कोई एक अंडाशय (ovary) हर महीने 1 egg (अंडा) गर्भनाल में release करता है जिसे ovulation कहा जाता है।

इसके साथ-साथ शरीर दो तरह के हॉर्मोन्स बनाता है एस्ट्रोजन (estrogen) और प्रोजेस्टरोन (Progesterone)। ये हॉर्मोन्स गर्भाशय की परत को मोटा करते है ताकि गर्भाधान होने पर fertilized egg उस परत से लग कर पोषण पा सके | यह परत रक्त और म्यूकस से बनी होती है। 

गर्भनाल में अंडा पुरुष के शुक्राणु का इंतज़ार करते है। अगर पुरुष के शुक्राणु (sperm) अंडे के साथ मिलकर अंडे को fertilize नहीं कर पाता तो गर्भाशय की परत उस अंडे के साथ रक्त (blood) के रूप में योनि से बहार निकल जाती है महिलाओ को पीरियड्स आते है और bleeding होती है। यह प्रक्रिया हर महीने होती है जब तक महिलाओ को मेनोपॉज नहीं आ जाता तब तक।

 

पीरियड कितने दिन बाद आता है

आमतौर पर हर लड़की और महिला का पीरियड साइकल (menstrual cycle) 28 दिन का होता है। उसमे 2-4 दिन आगे पीछे होते है। जबकि कुछ महिलाओं का पीरियड साइकल (Period Cycle) 31 दिन का भी हो सकता है। शुरू के कुछ सालों में ही यह समझ आने लगता है कि आपका पीरियड साइकल कितने दिन का है।पर कभी कभी कोई कारण सर महिलाओ के पीरियड जल्दी भी आ जाते है और लेट भी हो जाते है।

पीरियड आने के संकेत क्या होते हैं?

अगर पीरियड आने के लक्षण की बात करे तो कुछ महिलाओ को पीरियड शुरू होने के 2-3 दिन पहले पेडू के निचले हिस्से में और कमर में दर्द होने लगता है। ये दर्द period शुरू होने के बाद ख़त्म हो जाता है। कई महिला को जी मचलने लगता है और ऐठन होती है। हलाकि पीरियड आने के ये लक्षण सभी महिलाओ में एक सामान नहीं होते है। कई महिलाओ को पीरियड के पहले और पीरियड के दौरान कोई भी तकलीफ नहीं होती है।

पीरियड टाइम पर ना आने के क्या कारण है?

अगर किसी भी महिला का पीरियड (मासिकधर्म) टाइम पर नहीं आता है और पीरियड मिस हो जाता है तो ना आने का कारण है की उसको गर्भधारण हो गया हो। अगर अनियमित आता है और टाइम पर नहीं आता है तो यह उनकी जीवनशैली (lifestyle) पर निर्भर करता है अगर कोई महिला या लड़की ज्यादा smoking, fast food, drinking करती है तो उनके hormones imbalance हो जाते है और उनके पीरियड समय पे नहीं आते है।

कई बार थायराइड या फिर पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (PCOS) की वजह से periods में देरी हो जाती है।

पीरियड्स (मासिकधर्म) के दौरान क्या नहीं करना चाहिए?

1. मासिकधर्म के दौरान exercise और yoga ना करे।

2. महावरी के दौरान अपने शरीर को आराम दे ज्यादा भरी काम ना करे।

3. असुरक्षित सबंध बनाने से बचे क्युकी पीरियड के दौरान भी आपके pregnancy conceive करने की संभावना होती है।

4. period के दौरान कपडे का इस्तेमाल बिलकुल ना करे। उसकी जगह पे sanitary pad, menstrual cup, या tampon pads का इस्तमाल करे और हर 5-6 घंटे में उसको बदलते रहे। जिस से आपको कोई infection ना हो।

5. periods के दौरान आपने जननांगो को सही तरह से साफ रखे ताकि आपको को रेसिस ना हो और गंध भी ना आये।

पीरियड्स (मासिक धर्म) नहीं होने पर क्या करे ? | पीरियड्स नहीं आने पर क्या करना चाहिए

अगर आप शादीशुदा है और आपके periods नहीं होने पर सबसे पहले प्रेगनेंसी टेस्ट करे।

अगर कोई महिला को मेनोपॉज (menopause) शुरू हो गया है और उनको पीरियड्स नहीं आ रहे है तो उनको कोई भी चिंता करने की जरुरत नहीं है क्युकी मेनोपॉज के बाद periods आना बंद हो जाते है।

अगर कोई लड़की के युवा होने के बाद भी उसे महावरी नहीं आ रही है तो उनके लिए चिंता का विषय है क्युकी महावरी नहीं आने से उनको माँ बनने में परेशानी होती है।

हलाकि यह समस्या लड़की के शरीर के हार्मोनल असंतुलन और प्रजनन अंगो की कमजोरी के कारण या फिर जेनेटिकल समस्या की वजह से हो सकती है।

महावरी ना आने का और रुक जाने का कारण कई बार pcos या pcod की समस्या हो सकती है। इस लिए अगर महावरी ना आये तो आप gynecologist से जाँच करवाइये और आगे की treatment करवाइये।

अनियमित माहवारी – irregular periods in hindi

मासिकधर्म संबंधित परेशानीओ में से सबसे बड़ी परेशानी है अनियमित माहवारी यानि की irregular periods. अगर आपको प्री मेनोपॉज हो रहा है तो भी आपके पीरियड्स अनियमित हो सकते है।

अनियमित महावारी समझने के कई सारे पहलू है जैसे की,

  • महावारी सही समय पे ना आना,
  • मासिक चक्र अनियमित हो जाना यानि की 21 दिन से कम और 35 दिन से ज्यादा हो जाना,
  • माहवारी के समय ज्यादा खून यानि की heavy bleeding या menorrhagia होना,
  • 2-3 महीने तक माहवारी ना आना,
  • periods का साइकिल बदल जाना,

माहवारी (periods in hindi) न होना (amenorrhea)

अगर कोई लड़की को प्यूबर्टी की शुरुआत हो चुकी है और वो 15-16 साल की हो गयी है और उनको अभी तक पीरियड नहीं होती है या फिर होने के कुछ महीनो में रुक जाती है तो उन्हें एमेनोरिआ कहते है। 

अगर किसी लड़की और महिला को प्यूबर्टी से पहले और मेनोपॉज के बाद पीरियड्स नहीं होती और प्रेगनेंसी कंसीव होने के बाद महावारी नहीं होती तो यह ठीक बात है पर इनके अलावा कोई कारण से पीरियड्स रुक जाती है तो यह चिंताजनक बात है।

युवान लड़कियों में माहवारी (periods) समय पर शुरू न होना किसी शारीरिक बीमारी की वजह से हो सकता है। अक्सर प्रजनन प्रणाली के अंगों का कमज़ोर होना इसका कारण होता है। लेकिन नियमित माहवारी (regular period) का बंद हो जाना PCOD जैसी बीमारी का संकेत भी हो सकता है।

पीरियड्स के दौरान तेज दर्द होने पर क्या करे?

पीरियड्स के दौरान थोड़ा थोड़ा दर्द होना आम बात है इसके लिए आप गर्म पानी का सेक कर सकते है। पर अगर ये दर्द इतना हो जाये की महिला का चलना और बैठना मुश्किल हो जाये तो उन्हें डिसमेनोरिया (dysmenorrhea) कहते है।

gynecologist कहते है की अगर आपको महावारी के दौरान बहुत तेज दर्द होता है तो हो सकता है उनको endometriosis जैसी खतरनाक बीमारी हो। इस लिए आपको तुरंत ही डॉक्टर से जाँच करवाके उनका इलाज करवाना चाहिए।

एंडोमेट्रोसिस ऐसी बीमारी है जिस में एंडोमेट्रियल (endometrial tissue) कोषो का विकास गर्भाशय के बहार होने लगता है। 

पीरियड मिस होने के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कब करना चाहिए

अगर महिला regular period में होती है और अगर उनका period miss हो जाये तो ये संकेत देता है की शायद वो महिला प्रेग्नेंट है। तो अगर महिला का पीरियड मिस होता है तो उनके 1 हप्ते के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए। क्युकी इस समय हमारे शरीर में HCG की मात्रा ज्यादा होती है और यूरिन के जरिये प्रेगनेंसी टेस्ट किया जाता है और हमें प्रेगनेंसी है या नहीं ये पता चलता है। अगर आप इस से भी पहले प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहती है तो आप सेक्स के कम से कम 2 हप्ते के बाद प्रेगनेंसी टेस्ट कर सकती है और आपको सुबह की यूरिन से ही प्रेगनेंसी टेस्ट करना चाहिए क्युकी सुबह के टाइम में यूरिन में HCG की मात्रा ज्यादा होती है।

मेनोपॉज क्या होता है?

पीरियड का बंद होना या मासिकधर्म का बंद होना उनको ही मेनोपोज़ कहते है। आम तोर पर महिलाओ का मासिकधर्म में होने का समयचक्र (मासिकधर्म की उम्र) 14 साल से लेकर 50 साल तक का होता है।

तो यह थी पूरी जानकारी की मासिकधर्म क्या होता है (period meaning in Hindi) के बारे में। उम्मीद है की आपको periods के बारे में यह सही जानकरी मददरूप होगी।

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