Ovulation Meaning In Hindi | ओवुलेशन क्या है और कब होता है

ovulation meaning in hindi इस आर्टिकल में हम जानेगे की ओवुलेशन क्या होता है? क्या होते है ओवुलेशन के लक्षण और अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण, ओवुलेशन कब होता है ? इन सब के बारे में विस्तार में माहिती. 

महिला के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है उनका रेगुलर पीरियड्स होना। अगर कोई महिला माँ बनना चाहती है तो उनके लिए यह जानना अति आवश्यक हो जाता है की पीरियड (menstrual cycle) के बाद महीने के वो कोनसे दिन होते है जिसमे उनकी गर्भधारण की संभावना सबसे ज्यादा होती है। इन संभावित दिनों को ओवुलेशन पीरियड (ovulation meaning in hindi) कहा जाता है। 

यदि कोई महिला प्रेगनेंसी रोकने के लिए कोई कॉन्ट्रासेप्टिव दवाइयों (contraceptive pills) का सेवन नहीं कर रही है तो उनके लिए प्रेगनेंसी कंसीव करने की संभावना 30 % तक होती है।

यह आंकड़ा हर महिला में परिस्थिति के अनुसार अलग अलग होता है। ओवुलेशन (ovulation) के दौरान मतलब जिस वक़्त fertilization होने की संभावना अधिक होती है तब महिलाकी गर्भधारण की संभावना ही अधिक हो जाती है।

ovulation meaning in hindi | क्या होता है ओवुलेशन संपूर्ण जानकारी

पीरियड के दौरान जब ovary से अंडा (egg) निकलता है तब ओवुलेशन होता है। और ये अंडे sperm (पुरुष के शुक्राणु) के साथ मीलकर fertilize हो सकते है और नहीं भी।

जब अंडा fertilize नहीं होता है तब वो अंडा फुट जाता है और मासिक धर्म के दौरान यूटेराइन लाइनिंग गिर जाती है और यह निकल जाता है।

अब महिला के मन में यह सवाल उठता है की आखिर ओवुलेशन कब होता है ? क्या होते है ओवुलेशन के लक्षण ? (Ovulation symptoms in Hindi) तो इस आर्टिकल में आपको ovulation क्या होता है ? (ovulation hindi meaning), ओवुलेशन कब होता है? और ओवुलेशन के लक्षण के बारे मे.

ओवुलेशन क्या होता है | ovulation meaning in hindi

अगर आप जानना चाहते ओवुलेशन क्या होता है तो आपको बता दे की ओवुलेशन (Meaning of  Ovulation in Hindi) का मतलब महिला की ovary में से परिपक्व अंडे का रिलीज़ होना। यह प्रक्रिया हर महीने होती है। ओवुलेशन के समय पर महिला की प्रेग्नेंट होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

आमतौर पर महिलाओ का पीरियड 28 दिन से लेकर 35 दिनों का होता है। इस पीरियड साइकिल (menstrual cycle) में कुछ दिन ऐसे होते है जिसमे ovulation period आता है। महिला के पीरियड्स खत्म होने के बाद के 12 से 16 वे दिन का समय ओवुलेशन पीरियड होता है। 

इसी दिनो में महिला के pregnant होने की संभावना सबसे अधिक होती है। इन संभवित दिनों को ओवुलेशन डे (ovulation in hindi) कहा जाता है।

किसी भी महिला की ओवुलेशन के दौरान और 

ओवुलेशन कब होता है?

ओवुलेशन कब होता है | meaning of ovulation in hindi

लड़की के जन्म के समय पे उनके ओवरी में करीबन 2 करोड़ जितने eggs होते है। जो लड़की के युवान होते होते मासिक धर्म शुरू होने के समय तक करीबन 3-4 लाख तक ही एग्स बचते है।

यह सारे eggs में से हर एक पीरियड साइकिल में एग विकसित होता है और धीरे धीरे परिपक्व होने लगता है। और धीरे धीरे fallopian tube में आ जाता है और वहा पर fertilize होने के लिए sperm (शुक्राणु) का इंतज़ार करता है। उस समय को ओवुलेशन कहते है यानि की तब ओवुलेशन होता है।

जब यह अंडा शुक्राणु के साथ मिलकर फर्टिलाइज़ नहीं हो पाता है तब वो गर्भाशय की दिवार में से होकर ब्लीडिंग के रूप में बहार आ जाता है जिनको हम पीरियड्स कहते है।

पीरियड्स खत्म होने के कुछ दिन बाद महिलाओं के शरीर में एस्ट्रोजन हार्मोन बनने लगता है जो गर्भाशय की दिवार की लाइनिंग को मोटा करने में मदद करता है जिससे वो स्पर्म के लिए अनुकूल वातावरण बना देता है।

धीरे धीरे एस्ट्रोजन हॉर्मोन में वृद्धि होने लगती है और ये एस्ट्रोजन हॉर्मोन ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (LH) में वृद्धि को बढ़ाता है। LH की वृद्धि एग के ओवरी से रिलीज होने का कारण होती है और महिला ओवुलेट (ovulation) (LH वृद्धि के 24 से 36 घंटे बाद) करती है।

अगर आप गर्भधारण (प्रेगनेंसी कंसीव) करना चाहती है तो आपको अपने ओवुलेशन पीरियड यानि की फर्टाइल विंडो (एग के रिलीज़ होने के पहले के 2 दिन और बाद के 2 दिन) में सेक्स करे जिस से आपके प्रेग्नेंट होने की संभावना अधिक रहती है।

कब तक रहता है ओवुलेशन ?

ओवुलेशन (meaning of ovulation in hindi) आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के 28 दिनों में 14 वे दिन के आसपास होता है। हालाकि हर महिला का मासिक धर्म का चक्र एक जैसा नहीं होता है। हर महिला में ओवुलेशन 14 दिन में नहीं होता है।

अगर आपकी उम्र 30 साल से कम की है और आपका पीरियड रेगुलर है तो आपका ओवुलेशन पीरियड आपकी मासिक की तारीख से 10-18 दिन के बिच में होता है। यानि की आपकी प्रेग्नेंट होने की संभावना उन दिनों में ज्यादा होती है। सीधा समजे तो ओवुलेशन आपके period cycle के बिच के दिन से लेकर 2 दिन आगे और 2 दिन पीछे के समय में होता है। यानि की देखा जाये तो आपके मासिक धर्म चक्र के 28 दिनों में 6 दिन ओवुलेशन रहता है।

ओवुलेशन कितने दिन का होता है?

जैसे की हमने पहले जाना की ओवुलेशन महिला के पीरियड साइकिल (menstrual cycle ) के ऊपर निर्भर करता है और बात करे की ओवुलेशन कितने दिन का होता है तो ओवुलेशन का समय ज्यादा से ज्यादा 6 दिन का होता है और यह 6 दिन महिला के पीरियड साइकिल के मध्य के दिन के आसपास के दिन होते है। 

ओवुलेशन के लक्षण – Ovulation symptoms in Hindi

ज्यादातर महिलाओ में ओवुलेशन के समय पर कुछ ऐसे बदलाव या लक्षण (ओवुलेशन होने के लक्षण) दिखाई देते है जिससे महिला को अपने ओवुलेशन पीरियड को समझने में आसानी रहती है।

अगर कोई महिला गर्भधारण (pregnant) होना चाहती है तो उनके लिए ओवुलेशन के लक्षण को (Ovulation symptoms in Hindi) को समजना बहुत जरुरी होता है। क्युकी ओवुलेशन पीरियड में ही महिला गर्भधारण कर सकती है। 

यहाँ पर आपको कुछ ऐसे ओवुलेशन के लक्षण (Ovulation ke lakshan) बताये गए है जिनसे आप अपने ओवुलेशन का पता लगा सकते हो। यदि आपका पीरियड रेगुलर आता है तो आपको 10-16 दिन के बिच में ओवुलेशन के लक्षण पर सबसे ज्यादा ध्यान देता है।

1. स्तनों में बदलाव

पीरियड आने से पहले प्रेगनेंसी के लक्षण में मुख्य लक्षण है की अंडा फटने के बाद गर्भवस्था के शुरुआत में महिला के स्तनों के आकार में वृद्धि होने लगती है। स्तन भारी और सवेंदनशील हो जाते है। ऐसा इस लिए होता है क्युकी तब शरीर में प्रोजेस्ट्रोन नमक हॉर्मोन की मात्रा में वृद्धि होती है। महिला के स्तनों को छूने पर भी हल्का दर्द महसूस होता है और निप्पल के रंग में भी परिवर्तन होके गहरे रंग का हो जाता है जिनसे आप अंदाज लगा सकते हो की आप pregnant हो।

2. पेशाब के रंग में बदलाव

ovulation meaning in hindi में जब महिला गर्भधारण कर लेती है तो उनके पेशाब का रंग धीरे धीरे पिला होने लगता है ऐसा इसलिए होता है क्युकी गर्भवस्था में किडनी पेशाब को अच्छे से filter नहीं कर पाती है इस लिए उनके पेशाब का रंग बदल के dark yellow होता जाता है. इनको भी आप प्रेगनेंसी के लक्षण इन फर्स्ट वीक कह सकते हो।

3. थकान महसूस होना

महिलाओ को गर्भावस्था के शुरूआती दिनों में थकान महसूस होती है यह भी एक संकेत है की आप प्रेग्नेंट हो। क्युकी गर्भावस्था के शुरूआती समय में महिला का शरीर एक नयी जान को पालने और जन्म देने के लिए तैयार हो रहा होता है जिनसे उनके शरीर में कुछ बदलाव होते जिनकी वजह से उनके बहुत से अंग भी दर्द करते है और महिला खुद को थका हुआ महसूस करती है।

4. गंध और सुगंध में परिवर्तन

प्रेगनेंसी कंसीव करने के बाद महिला के शरीर में hormonal changes होते है जिनकी वजह से उनको गंध और सुगंध में में बदलाव नजर आते है। मतलब की उनको कोई कोई गंध भी बहुत अच्छी लगती और कोई कोई सुगंध भी अच्छी नहीं लगती। बहुत सी महिलाओं में ओवुलेशन के बाद विभिन्न तरह की गंध का अनुभव होता है। ऐसा शरीर में बढे हुए एस्ट्रोजन के स्तर से होता है।

5. चक्कर आना

महिलाओ को शुरूआती समय में ज्यादातर weakness रहती है क्युकी उसके body में hormonal changes होते है जिनकी वजह से उनको चक्कर भी आ सकते है। अगर आपको भी ovulation (ovulation in hindi) के बाद चक्कर आने की समस्या हो रही है और आपके पीरियड मिस हो चुके है तो आप एक बार प्रेगनेंसी टेस्ट किट से प्रेगनेंसी टेस्ट जरुर कर ले।

6. मोर्निंग सिकनेस

प्रेगनेंसी के शुरूआती समय में महिलाओ को मोर्निंग सिकनेस की शिकायत रहती है और मतली भी आती है। यह लक्षण अंडा फटने के बाद गर्भावस्था रह गयी है तो भी नजर आने लगते है। ऐसा नहीं है की मोर्निंग सिकनेस और मतली सुबह ही आती है बल्कि बहुत सी महिलाओ को यह पुरे दिन में कभी भी होता है।

7. पेट में मरोड़ आना

ओवुलेशन के बाद ही महिलाओ को पेट में मरोड़ और ऐठन होने लगती है. यह कुछ समय के लिए ही रहती है। बहुत सी महिलाओ को यह पेडू में यानि की पेट के निचले हिस्से में होती है और कईओ को पेट की दोनों तरफ भी होती है।

8. शरीर का तापमान बढ़ना

ओवुलेशन के बाद ही शरीर के तापमान में वृद्धि होने लगती है। इसका मुख्य कारण है शरीर में प्रॉजेस्टरोन हॉर्मोन के स्तरों में वृद्धि होना। इस लिए अपने शरीर का तापमान जरूर मापे और इसके लिए सुबह का समय ही तापमान मापने का अच्छा समय होता है।

9. गेस और कब्ज की समस्या

ओवुलेशन के लक्षण यानि अंडा फटने के बाद गर्भवती महिला को गैस और कब्ज की समस्काया का भी सामना करना पड़ता है। ऐसा इसलिए होता है क्युकी गर्भधारण के बाद महिला की पाचनशक्ति मंद हो जाती है और उनको खाना पचाने में काफी समय लगता है। अगर आपको लगे की आपकी प्रेगनेंसी रुक गयी और आपको कब्ज और गेस हो रही है तो बिना doctor के कोई भी दवाई ना ले क्युकी ऐसा करने से आपकी प्रेगनेंसी को खतरा हो सकता है और miscarriage होने की भी संभावना रहती है।

10. सरदर्द होना

pregnancy के दौरान महिलाओ के सर में दर्द होने लगता है और यह प्रेगनेंसी के शुरूआती दिनों में ज्यादा रहता है क्युकी प्रेग्नेंसी के समय शरीर में रक्त के स्तर में वृद्धि होने लगती है इस कारण सरदर्द होता है।

11. मासिक धर्म आना बंद होना

सामान्यतर पर हर महिला को हर महीने मासिकधर्म (period) होता है। अगर किसी भी महिला का मसिकधर्म रुक गया है तो यह उनके लिए एक संकेत है की वो गर्भवती है यानि की उसने प्रेगनेंसी कंसीव कर ली है।

12. बार बार पेशाब आना

गर्भधारण के बाद महिला के शरीर में रक्त संचार बढ़ने लगता है और यह प्रक्रिया uterus में भी होती है और हार्मोन की बदलाव के कारण गर्भाशय की सूजन से मूत्राशय (balder) पर हल्का दबाव पैदा होता है जिससे महिला को बार बार पेशाब जाना पड़ता है।

13. खाने की इच्छा बढ़ना

जैसे ही महिला गर्भधारण कर लेती है तो उनके मन में खाने की लालसा बढ़ जाती है और उनके मन में कुछ अलग अलग खाने की इच्छा होती रहती है। वैसे भी प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओ की डाइट भी बढ़ जाती हैं। पर ऐसे में महिलाओ को बहार का खाना और junk food खाने से बचना चाहिए।

14. कमर में दर्द होना

औरतो को आम दिनों में यदि कमर दर्द नहीं होता है और ओवुलेशन के बाद अचानक से कमर दर्द करने लगे तो हो सकता है की आप pregnant हो क्युकी प्रेगनेंसी के दौरान कमर के अस्थि बंध खुल जाते है जिसके कारण कमर दर्द होने लगता है।

15. मुड स्विंग होना

अचानक मुड में परिवर्तन आना भी प्रेगनेंसी का लक्षण है। अगर कोई भी चीज आपको पसंद आ रही है और कुछ ही देर में वो नापसंद लगे तो यह मुड स्विंग है। ऐसा hormonal के बदलाव के कारण होता है।

16. उलटी आना

ओवुलेशन के बाद अगर आपको उल्टी आ रही है तो यह भी गर्भावस्था के लक्षण में आता है।

17. मासिक धर्म जैसा महसूस होना

ओवुलेशन के बाद गर्भावस्था के शुरुआत में मासिक धर्म (पीरियड) जैसा महसूस होता है मतलब की पेडू में दर्द, ऐठन और पीठ दर्द आदि।

 

ओवुलेशन टेस्ट कैसे करे – how to do ovulation test in hindi

ओवुलेशन टेस्ट ovulation test kit की मदद से किया जाता है। मार्किट में इस तरह की ओवुलेशन टेस्ट किट मिलती है जो आपके पेशाब के सेम्पल के द्वारा ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन (LH Hormone) को वृद्धि को बताती है। 

क्युकी ओवुलेशन (ovulation in hindi) होने के 30 से 36 घंटे पहले आपके ल्यूटीनाइज़िन्ग हार्मोन (LH Hormone) का स्तर 5 गुना तक बढ़ जाता है। जिससे आपको पता लग सकता है की आपका ओवुलेशन कब शुरू हो रहा है और उस दौरान अगर आप सबंध बनाते है तो आपके गर्भधारण की संभावना ज्यादा बढ़ जाती है।

Ovulation calculator – ओवुलेशन कैलकुलेटर

अपने मासिक चक्र के उन दिनों को जानकर जिसमे आप फर्टाइल होती है जिसमे आप अपनी प्रेगनेंसी कंसीव करने की संभावना को बढ़ा सकती है। ज्यादातर एक महिला का मासिक चक्र 28 दिन का होता है और उन दिनों में 6 दिन ऐसे होते है जिसमे आप ovulate (फर्टाइल) करके गर्भधारण कर सकती है। हालाकि यह समय सब महिलाओ में भिन्न होता है।

ओवुलेशन कैलकुलेटर (Ovulation Calculator in Hindi) का उपयोग करके आप आसानी से जान पाएगी  कि किस दिन आपके फर्टाइल (fertile) होने की सबसे अधिक संभावना होगी, इसके लिए आप किसी ऑनलाइन ओवुलेशन कैलकुलेटर या किसी मोबाईल एप्लीकेशन का उपयोग करके आपने ओवुलेशन को ट्रैक कर सकती हैं।

पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन होता है ?

सामन्यतर ओवुलेशन (ovulation in hindi) पीरियड के 14 या 15 दिन में होता है। अगर किसी महिला की उम्र 35 साल से कम है और उनको रेगुलर मासिक (periods) आता है तो उनका ओवुलेशन उनके पीरियड आने के बाद 14 दिन यानि की पीरियड शुरू होने के 14 दिन पहले हो सकता है।

अगर कहे तो पीरियड के 10-19 दिन के बिच में कभी भी हो सकता है।

ओवुलेशन की प्रक्रिया पुरी तरह से मासिक धर्म चक्र पर निर्भर करती है और यह हर महिलाओं के लिए अलग अलग हो सकती है। एक तरह से आप मान सकते हैं की आने वाले पीरियड्स के 14 दिन पहले ओवुलेशन होता है।

क्‍या सिर्फ ओवुलेशन पीरियड में प्रेगनेंट हो सकते है ?

जी हा, महिला सिर्फ ओवुलेशन पीरियड में ही प्रेग्नेंट हो सकती है। पर ऐसा जरूरी नहीं है की आपको ओवुलेशन पीरियड में सेक्स करना ही है।

पुरुष का शुक्राणु किसी कारणसर महिला के शरीर में 5 दिन तक जीवित रहता है उन दौरान अगर आपका अंडा रिलीज़ हुआ यानि की आपका ओवुलेशन हुआ तो भी आप प्रेग्नेंट हो सकते हो।

यानि की अगर आपने ओवुलेशन से पहले सेक्स किया है और ओवुलेशन के समय पर फॉलोपियन ट्यूब में स्पर्म मौजूद है तो भी आप प्रेग्नेंट हो सकते हो।  

महिला अंडा रिलीज़ होने के बाद 12-24 घंटे तक ही जीवित रहता है उन दौरान स्पर्म (शुक्राणु) अंडे से मिलना चाहिए।
 

ओवुलेशल में कितनी बार सेक्‍स करने से प्रेगनेंट होते है ?

प्रेग्नेंट होने के लिए आपको सिर्फ फर्टाइल विंडो के दौरान सेक्स करने की जरुरत होती है। फर्टाइल विंडो 6 दिन की होती है इन 6 दिनों में ovulation होता है और गर्भ धारण की अधिक संभावना होती है।

अगर कोई कपल प्रेगनेंसी कंसीव करने की कोशिश कर रहे है तो उनको इन फर्टाइल विंडो के 6 दिन में हर दिन या फिर एक दिन छोड़कर हर दूसरे दिन सेक्स करना है जिससे उनकी प्रेगनेंसी कंसीव करने की संभावना बढ़ सकती है।

ओवुलेशन के बाद प्रेग्नेंट होने के लक्षण – अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण

ओवुलेशन के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण यानि की अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण
 
अगर कोई महिला फर्टाइल विंडो यानि की ओवुलेशन के दौरान गर्भधारण कर लेती है तो उनको निचे बताये गए लक्षण दिखने लगते है। जिनको आप पीरियड मिस होने के बाद प्रेगनेंसी के लक्षण भी कह सकते हो।
 
  • ब्रेस्ट में सूजन और दर्द होना
  • मॉर्निंग सिकनेस
  • चक्कर आना
  • ब्लड प्रेशर बढ़ना
  • हल्की सी ब्लीडिंग होना 
  • जी मिचलाना
  • पाचन सम्बन्धी समस्या
  • स्वाद बदल जाना 
  • मूड स्विंग्स होना
  • तनाव (stress) होना
  • बार-बार पेशाब आना और असंयम होना
  • पेट फूलना/कब्ज की शिकायत

अगर आप गर्भधारण के लिए प्रयास कर रही है और आपको ये सारे ओवुलेशन के बाद प्रेग्नेंट होने के लक्षण (अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण) दिख रहे है तो हो सकता है की आप प्रेग्नेंट हो। अगर ऐसा नहीं होता है तो आपको धैर्य रखना होगा और ओवुलेशन के लक्षण (Ovulation symptoms in Hindi) पर ध्यान रख कर दोबारा प्रयास करना है।

अगर ओवुलेशन न हो तो

अगर आप प्रेगनेंसी प्लान कर रही है और आपको कंसीव नहीं हो रहा है या फिर आपका पीरियड रेगुलर नहीं है तो हो सकता है की आपका ओवुलेशन सही समय पे ना हो रहा हो। या किसी महिला में हो सकता है की ओवुलेशन (ovulation in hindi) होता ही नहीं हो। अगर आपको ऐसा लगे तो आपको स्त्री रोग निष्णांत (gynecologist) को दिखाना चाहिए।

कई बार महिला का irregular period और irregular ovulation जयादा तनाव और अनहेल्दी (unhealthy) जीवनशैली की वजह से भी हो सकता है।

तो ये थी पूरी जानकारी ओवुलेशन के बारे में की ओवुलेशन क्या होता है और कब होता है (ovulation meaning in hindi), अंडा फटने के बाद गर्भावस्था के लक्षण और ovulation calculator से जुडी सारी बाते और महिलाओ के मन में ओवुलेशन को लेकर उठ रहे सवालो के जवाब के बारे में।

उम्मीद है को आपको इस आर्टिकल से ओवुलेशन क्या होता है (meaning of ovulation in hindi) के बारे में सही जानकारी मिली होगी।

यह भी पढ़े :
 
 
 
 
FAQs :

ओवुलेशन का मतलब क्या होता है?

ओवुलेशन (Meaning of  Ovulation in Hindi) का मतलब महिला की ovary में से परिपक्व अंडे का रिलीज़ होना। यह प्रक्रिया हर महीने होती है। ओवुलेशन के समय पर महिला की प्रेग्नेंट होने की संभावना सबसे ज्यादा होती है।

कैसे पता लगाये की ओवुलेशन हो रहा है?

ओवुलेशन (meaning of ovulation in hindi) आमतौर पर मासिक धर्म चक्र के 28 दिनों में 14 वे दिन के आसपास होता है। हालाकि हर महिला का मासिक धर्म का चक्र एक जैसा नहीं होता है। हर महिला में ओवुलेशन 14 दिन में नहीं होता है।

पीरियड के कितने दिन बाद ओवुलेशन शुरू होता है?

ओवुलेशन आपकी मासिक की तारीख से 10-18 दिन के बिच में होता है। सीधा समजे तो ओवुलेशन आपके period cycle के बिच के दिन से लेकर 2 दिन आगे और 2 दिन पीछे के समय में होता है। यानि की देखा जाये तो आपके मासिक धर्म चक्र के 28 दिनों में 6 दिन ओवुलेशन रहता है।

ओवुलेशन कितने दिन तक रहता है?

ओवुलेशन महिला के पीरियड साइकिल (menstrual cycle ) के ऊपर निर्भर करता है और बात करे की ओवुलेशन कितने दिन का होता है तो ओवुलेशन का समय ज्यादा से ज्यादा 6 दिन का होता है और यह 6 दिन महिला के पीरियड साइकिल के मध्य के दिन के आसपास के दिन होते है।

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