बच्चे को बार-बार पॉटी आना – कारण और घरेलु उपाय

हर माता पिता को अगर बच्चे को कोई भी परेशानी आती है तो बहुत ही चिंतित हो जाते है ऐसे में बच्चे को बार-बार पॉटी आना (loose motion in kids) शुरू रहता है तो और भी चिंतित हो जाते है। तो आपको बिलकुल भी परेशान होने की जरुरत नहीं है क्युकी आपको इस आर्टिकल में पूरी जानकारी मिल जाएगी की बच्चा बार बार पोटी कर रहा है (baccho ko bar bar potty aana) क्या हो सकता है कारण और छोटे बच्चों के दस्त की दवा और शिशु दिन में कितनी बार पॉटी करता है के बारे में। 

दूध पीने के बाद हर बार नवजात शिशु का मलत्याग करना (navjaat shishu ko bar bar potty aana) इस बात का अच्छा संकेत है कि आपका शिशु पर्याप्त दूध पी रहा है। जब आपके शिशु का पेट भर जाता है, तो दूध उसके पाचन तंत्र को उत्तेजित करता है। इससे शिशु को मल त्याग करने की तीव्र इच्छा होती है।

अगर आपका बच्चा बार बार पोटी करता है या नवजात शिशु को बार-बार लैट्रिन करता है (navjaat shishu ko bar bar potty aana) तो उसका ये मतलब बिलकुल भी नहीं है की उनको दस्त (diarrhea यानि की loose motion) हुआ है।

आपका बच्चा छोटा है तो उसमे ये आम बात है पर अगर आपका बच्चा 2 साल से बड़ा है और बार बार पोटी करता है यानि की 2 साल के बच्चे को बार बार पॉटी आना, 3 साल के बच्चे को बार बार पॉटी आना, 4 साल के बच्चे को बार बार पॉटी आना, 5 साल के बच्चे को बार-बार पॉटी आना, 7 साल के बच्चे को बार-बार पॉटी आना जैसी समस्या है तो आपको थोड़ा सावधान रहने की जरूरत है और कई बार पॉटी के साथ कई कई बार बच्चो में कब्ज भी हो जाता है। 

बच्चा बार बार पोटी करता है और उनका color हरा या लाल जैसा है और वो कमजोर लगता है तब आपको बच्चे को डॉक्टर से consult करने की जरुरत है। इसके अलावा अक्सर बच्चे बार बार पेशाब भी करते रहते है और यह भी एक समस्या और बीमारी ही है।

यहाँ पर में आपको अगर नवजात शिशु है और बड़े बच्चे है दोनों में दस्त (loose motion) क्यों होता है और इसका इलाज क्या है और शिशु दिन में कितनी बार पॉटी करता है के बारे में detail में बताऊगी।

 

बच्चे दिन में कितनी बार पॉटी करते हैं?

आपका नवजात शिशु दिन में कितनी बार पोटी करता है या (baccho ko bar bar potty aana) इस बार पर निर्भर करता है की बच्चा दिन भर में कितना और कैसा दूध पी रहा है। अगर बच्चा पूरी तरह से breastfeeding यानि की माँ का दूध ही पि रहा है तो वह कम से कम २ से ४ या फिर ज्यादा से ज्यादा 8 बार पॉटी कर सकता है। इसकी तुलना में formula milk पीने वाले बच्चे कम पॉटी करते है।

जब बच्चे को आप 6 महीने के बाद ठोर आहार (finger foods) देना शुरू करेंगे तब भी बच्चे के पॉटी की frequency में आपको अंतर दिखेगा।

 

बच्चे को बार-बार पॉटी आना (बेबी को बार-बार पॉटी आना) – कारण

अगर आपके बच्चे को बार बार पॉटी आ रहा है यानि की उनको diarrhea है तो जानिये ये हो सकते है बेबी को बार बार पॉटी आने के कारण। 

  • अगर आपका बच्चा breastfeeding (स्तनपान) करता है तो उनका पूरा आधार उनकी माँ पर ही होता है। मतलब की अगर आपका बच्चा breastfeed (स्तनपान) करता है तब तक आपको अपने खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। आपको ये पता होना चाहिए की नवजात शिशु को कितनी बार दूध पिलाना चाहिए।  
  • बच्चे को बार-बार पॉटी आना अगर नवजात शिशु formula milk (बोतल से दूध) पी रहा है तो तो भी बच्चे को उसे पचाने में दिक्कत आती है जिसकी की वजह से बच्चे का पेट ख़राब हो जाता है और बच्चे को दस्त हो जाता है और वो बार बार पोटी करता है। 
  • नवजात शिशु अगर गाय का दूध (cow milk) पीता है तब भी उसे दस्त हो सकते है। क्युकी बच्चे की पाचनशक्ति कमजोर होती है जिसके कारण बच्चे को गाय का दूध पचाने में देर लगती है जिसके कारण भी बच्चे को दस्त हो सकता है। 
  • बच्चा अगर 2 साल से छोटा है तो उसको rotavirus से होने वाले इन्फेक्शन (संक्रमण) से भी दस्त हो सकता है। 
  • यदि बच्चा घुटने के बल पर चलता है यानि की बच्चा 1 साल से छोटा है तो वो बार बार जमीन को छुएगा और जमीन पर पड़ी हुई चीज़े भी उठाएगा जिस से उसके हाथ गंदे होंगे और हाथो में बैक्टेरिआ (bacteria) लग जायेगा और वो गंदे हाथ अपने मुँह में डालता है तब भी उसको चेप (infection) लग सकता है जिसके कारन बच्चे को दस्त हो सकता है।  
  • बच्चा अगर 6 महीने से बड़ा है और उसने BLW (ठोस आहार) शुरू कर दिया है तब भी कई सारे बच्चो को दस्त होने की संभावना होती है क्युकी बच्चे बड़े बड़े टुकड़ो को सही से चबा नहीं सकते और उसका पेट ख़राब हो जाता है। 
  • छोटे बच्चे को बार-बार पॉटी आना का संभवित कारण यह भी होता है की बच्चे को दांत आने की शुरुआत होती इसी लिए भी हो सकता है वो बार बार पोटी करता हो। 
  • अगर बच्चा बड़ा है तो वो कही बहार ऐसे कुछ खाना खा लेते है जिस से उसका पेट ख़राब हो सकता है जैसे की, ब्रेड,पिज़्ज़ा,बर्गर ये सब fast-food खाने से भी बच्चे को कई बार दस्त की समस्या हो जाती है और वो बार बार पोटी जाता है।
  • कई बार बच्चा ज्यादा fruits और liquid items ज्यादा खा-पी लेता उसकी वजह से भी बच्चे को दस्त हो सकता है।
  • छोटा या बड़ा बच्चा egg ,peanut, bread ऐसा कुछ खा लेते जिस से उसको अलेर्जी हो तो उस से भी बच्चे का पेट ख़राब हो सकता है और बच्चे को बार बार पोटी जाना पड़ता है।

Newborn Diarrhea Breastfeeding – Causes, Symptoms and Treatment

छोटे बच्चो के दस्त रोकने के उपाय – छोटे बच्चों के दस्त की दवा

यहाँ पर में आपको बच्चो के दस्त रोकने के उपाय यानि को छोटे बच्चो के दस्त की दवा के बारे में बताऊगी जिसे आप बच्चो के दस्त की दवा (syrup) भी कह सकते हो। अगर आपका बच्चा बड़ा है और उन्हें खाना खाने के बाद बार बार लैट्रिन आना जैसी समस्या हो रही है तो भी आपको निचे दिए गए उपाय काम आएंगे। कई parents पूछते रहते है की की बार-बार लैट्रिन जाने की दवा बताइए तो भी उनको यह घरेलु उपाय काम आएंगे।
  • अगर बच्चा 2 साल से छोटा है और आपने अभी तक rotavirus का टिका नहीं लगवाया तो तुरंत हो लगवा दे।
  • आपका बच्चा 6 महीने से कम उम्र का है। मान लीजिये अगर (2 महीने के बच्चे को दस्त हुआ है तो दस्त होने पर क्या करें) तो उसे ओ.आर.एस. का घोल पिलाइये। इसे आप घर पर भी बना सकते हैं 1 लीटर पानी को उबालके ठंडा कर दे फिर उसमे 5-6 चमच चीनी और आधा चमच नमक दाल कर अच्छी तरह से हिलाइये जब तक दोनों पिगल न जाये। फिर उस पानी को बच्चे को थोड़े थोड़े समय पर दे।
  • 8 महीने के बच्चे को हरी पॉटी कर रहे है तो उनको आप ताज़ा दही और दाड़म का रस पीला सकते हो।
  • बच्चे को केला खिलाइये क्युकी केले में potassium, magnesium, fiber, zinc, vitamin B, vitamin A होता है जो बच्चो को दस्त से होने वाली कमजोरी को दूर करता है। 
  • आप बच्चो को जायफल और सेहद का घसारा भी पीला सकते है इस से भी बच्चे को दस्त में रहत होगी। 
  • बच्चो को सेब (apple puree recipe for baby) खिलाइये सेब में भरपूर मात्रा में protein होता है जो बच्चे की पाचनक्रिया में सुधर लाएगा और बच्चे को दस्त से राहत मिलेगी।
  •  बच्चे को घर की बनी हुई छास काला नमक डालकर पिलाइये इस से बच्चे की पचाने की शक्ति बढ़ेगी और बच्चा खाने को सही से पचा सकेगा। तो उसके खाने में छास को अवश्य शामिल करे। 
  • आप बच्चे को नारियल पानी भी दे सकते हो ये भी दस्त से रहत दिलाता है। 
  • घर का बनाया हुआ ताज़ा दही भी बच्चे को खिला सकते हो. दही में मौजूद bacteria हमारे शरीर के लिए अच्छे होते है। 
  • निम्बू और अदरख का रस निकल के उनको 1 गिलास पानी में मिक्स करके उनको भी बच्चे को पीला सकते हो। इन से बच्चे को शक्ति भी मिलेगी और उनका पाचनतंत्र भी मजबूत होगा। 
  • अगर आपका बच्चा नवजात या छोटा है तो बच्चे की मालिश करिये यानि की बच्चे के पेट पे हलके हाथो से मालिश करिये इस से भी बच्चे का पाचनतंत्र मजबूत होगा और बच्चो में बार बार पोटी आने की समस्या दूर होती जाएगी।
ये सब घरेलु नुश्खे है तो अगर आपका बच्चा 1 साल से कम उम्र का है और वो बार बार ग्रीन पोटी कर रहा है तो पेहेले डॉक्टर की सलाह जरूर ले।
 

बच्चे को बार-बार पॉटी आना – इन बातों का रखें विशेष ख्‍़याल

Baccho ko bar bar potty aana कुछ दिन के बाद एक गंभीर समस्या हो जाती है क्युकी बार बार पोटी करने से बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो (dehydration) हो जाती है 

  • बच्चे को बार-बार पॉटी आना मतलब अगर बच्चा 1 साल से कम उम्र का है और बार बार पोटी करता है तो उसका पोटी का color और smell चेक करिये अगर पोटी का color dark green और खटी smell आती है तो बच्चे को दस्त ही है तुरंत ही डॉक्टर के पास ले जाये।
  •  पतली पॉटी के साथ बच्‍चे को हल्‍का बुखार है और बच्‍चा एक साल से छोटा है, तो इस समस्‍या को गंभीरता से लेना चाहिए।
  • अगर छोटा बच्चा बार बार पोटी करता है तो समयसार उनका diaper चेंज करते रहिये क्युकी गंदे diaper से बच्चे को infection का खतरा हो सकता है।
  • बच्चे को दस्त (बच्चे को बार-बार पॉटी आना) हो गया है और बच्चा formula milk  पिता है तो उनका formula milk brand बदल दे हो सकता है वो जो दूध पीला है वो उनको अनुकूल न होता हो।  
  • बच्चे को दस्त हो गया हो तो उनको हो सके उतना hydrate रखने की कोशिश करे क्युकी बार बार पोटी करने से बच्चे के शरीर में पानी की कमी हो सकती है और बच्चा कमजोर हो सकता है।
  • ज्‍यादा प्‍यास लगना, जीभ सूख जाना, आंखे धंसना और बच्‍चे का लगातार रोना डिहाइड्रेशन का संकेत हो सकते हैं।
  • अगर बच्चा बड़ा है तो आप उनको दिन में थोड़े थोड़े समय पे निम्बू पानी पिलाते रहिये उस से उनका पेट ठीक रहेगा।

नवजात शिशु दिन में कितनी बार पॉटी करता है

अगर आप भी जानना चाहते हो की शिशु दिन में कितनी बार पॉटी करता है तो 90% नवजात शिशु जन्म के 24 घंटों के अंदर ही मल त्याग करते हैं, जबकि 48 घंटे तक ज्यादातर बच्चे कम से कम एक बार मल त्याग करते ही करते हैं। बच्चे का पहला मल हरे और काले रंग का होता है और इसमें कोई गंध नहीं होती है जिसे मेकोनियम कहा जाता है।

मेकोनियम 72-96 घंटों के अंदर पास होता है। फिर रंग बदलता स्टूल आना शुरू होता है जो ज्यादा हरा होता है और वो म्यूकस और पानी से भरा होता है।

After that पहले week के अंत तक नवजात शिशु पीले रंग का मल त्याग करना शुरू कर देते हैं। जन्म के बाद पहले week के दौरान, दूध के सेवन में वृद्धि के साथ मल त्याग की मात्रा भी बढ़ जाती है। इसके अलावा, नवजात शिशुओं का पेट जल्दी खाली हो जाता है और हर फीडिंग (स्तनपान) के बाद बच्चा मल त्याग करता है।

लेकिन बच्चे के मल त्याग करने का कोई आंकड़ा नहीं बताया गया है। यह बदलता रहता है, एक हफ्ते में बच्चा दिन में 6 से 8 बार मल त्याग कर सकता है। मल की मात्रा इतनी मायने नहीं रखती है जब तक कि बच्चे को कोई असुविधा और उलटी न हो, फीड न कर पाने या पेट भरा होने जैसे लक्षण न दिखाई दें तब तक।

In conclusion,

तो ये थी कुछ basic सी tips अगर बच्चे को बार-बार पॉटी आना (Baccho ko bar bar potty aana) क्या होते है कारण और छोटे बच्चों के दस्त की दवा syrup (छोटे बच्चो के दस्त रोकने के उपाय) के बारे में। उम्मीद है आपको इस आर्टिकल से सही जानकारी मिली होगी।

FAQs : 

बच्चों को बार बार पॉटी आए तो क्या करें?

अगर बच्चा 2 साल से छोटा है और आपने अभी तक rotavirus का टिका नहीं लगवाया तो तुरंत हो लगवा दे। बच्चे को केला खिलाइये क्युकी केले में potassium, magnesium, fiber, zinc, vitamin B, vitamin A होता है जो बच्चो को दस्त से होने वाली कमजोरी को दूर करता है। 

नवजात शिशु एक दिन में कितनी बार पॉटी करता है?

बच्चे के मल त्याग करने का कोई आंकड़ा नहीं बताया गया है। यह बदलता रहता है, एक हफ्ते में बच्चा दिन में 6 से 8 बार मल त्याग कर सकता है। मल की मात्रा इतनी मायने नहीं रखती है जब तक कि बच्चे को कोई असुविधा और उलटी न हो, फीड न कर पाने या पेट भरा होने जैसे लक्षण न दिखाई दें तब तक।

मेरा बच्चा बार बार पॉटी क्यों कर रहा है?

नवजात शिशु अगर गाय का दूध (cow milk) पीता है तब भी उसे दस्त हो सकते है। क्युकी बच्चे की पाचनशक्ति कमजोर होती है जिसके कारण बच्चे को गाय का दूध पचाने में देर लगती है जिसके कारण भी बच्चे को दस्त हो सकता है।

बच्चे दिन में कितनी बार पॉटी करते हैं?

यह इस बार पर निर्भर करता है की बच्चा दिन भर में कितना और कैसा दूध पी रहा है। अगर बच्चा पूरी तरह से breastfeeding यानि की माँ का दूध ही पि रहा है तो वह कम से कम २ से ४ या फिर ज्यादा से ज्यादा 8 बार पॉटी कर सकता है। इसकी तुलना में formula milk पीने वाले बच्चे कम पॉटी करते है।

बोतल में बैक्टीरिया होने के कारण भी बच्चो को infection हो जाता है और बच्चे का पेट बिगड़ जाता है. इस लिए अगर आप बच्चे को बोतल से दूध या पानी पिला रहे हो तो बोतल को हमेशा अच्छी company के sterilizer से बेक्टेरिया मुक्त करे।

अगर आप एक Quality sterilizer और Feeding bottles  खरीदना चाहते हो तो यहाँ से खरीद सकते है।

6 thoughts on “बच्चे को बार-बार पॉटी आना – कारण और घरेलु उपाय”

  1. Mera baby 9 month old ka h or vo bar bar potty karta h mane sabhi dr ko dhekh le par yha potty karna band nh karta din m 14 15 bar potty karta h plz kuch gharelu upaye bataye

    Reply
  2. Hlo meri beti one year ki hai wo one week se potty bar bar bar kr rhi h do din bhaut patla or ab green balgam bhi aa rha h mene kela khilaya doctor ko bhi dikhaya

    Reply
    • ho sakta hai ki unhe teeth aa rahe ho. aap use anar dana khilaye or agar aapko homeremedies se koi fark nahi dikh raha hai to aap doctor se consult kare. kyuki 1 week se jyada diarrhea hai.

      Reply

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